रांची: चाईबासा घाटी की सड़क अभी नहीं बनेगी. इसमें विलंब होगा. इसके निर्माण से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है. सरकार ने इस सड़क का निर्माण करा रही एजेंसी पाटिल कंस्ट्रक्शन को टर्मिनेट कर दिया है. इसके खिलाफ एजेंसी सुप्रीम कोर्ट चली गयी है.
अब इस मामले के फैसले के बाद ही इसके निर्माण की दिशा में कार्रवाई की जायेगी. जानकारी के मुताबिक बंदगांव से चक्रधरपुर तक (एनएच 75 एक्सटेंशन) का काम सरकार ने पाटिल कंस्ट्रक्शन को दिया था. चक्रधरपुर से घाटी तक का काम कर दिया गया था. वहीं बंदगांव से आगे भी सड़क बन गयी थी.
घाटी में काम लटका हुआ है. पुलों का काम भी अधूरा है. कई पुलिया बन गये हैं, पर एप्रोच रोड नहीं है. वहीं कई पुलिया के लिए पिलर बना दिये गये हैं, लेकिन इसकी ढलाई नहीं हुई है. कुल मिला कर पुलियों की वजह से लोगों को डायवर्सन से होकर आना-जाना पड़ रहा है. करीब 25 किमी तक सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं. काम चल रहा था, इसी दौरान फॉरेस्ट लैंड का मामला भी उठा. वन विभाग ने निर्माण पर आपत्ति जतायी थी.
वन विभाग का दावा था कि जिस जमीन पर सड़क बन रही है, वह उसका है. इस बीच सरकार ने कार्य में विलंब करने के आरोप में ठेकेदार पर कार्रवाई की और उसे टर्मिनेट कर दिया. इसके बाद एजेंसी कोर्ट चली गयी.