रांची : वेंचर स्किल इंडिया प्रा.लि को भी सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण का काम मिला है. यह संस्थान कांके रोड में अॉटोमोबाइल प्रशिक्षण का मेगा स्किल सेंटर चलाता है. वहीं, कचहरी रोड स्थित पंचवटी प्लाजा में लड़कियों के लिए अपरेल (टेलरिंग) ट्रेनिंग भी दे रहा है. पंचवटी प्लाजा का प्रशिक्षण केंद्र किसी मजाक से कम नहीं है.
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छत पर मोबाइल टावर के नीचे चल रही क्लास
रांची : वेंचर स्किल इंडिया प्रा.लि को भी सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण का काम मिला है. यह संस्थान कांके रोड में अॉटोमोबाइल प्रशिक्षण का मेगा स्किल सेंटर चलाता है. वहीं, कचहरी रोड स्थित पंचवटी प्लाजा में लड़कियों के लिए अपरेल (टेलरिंग) ट्रेनिंग भी दे रहा है. पंचवटी प्लाजा का प्रशिक्षण केंद्र […]
मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स की छत पर मोबाइल टावर लगे एक कमरे के नीचे कौशल विकास का काम चल रहा है. जानकारों के अनुसार टावर के इतने नजदीक क्लास रूम का संचालन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ठीक नहीं है. यहां करीब 250 वर्ग फुट के कमरे में कुर्सी सटा कर 15-20 लड़कियों के बैठने सहित सिलाई मशीन रखने की व्यवस्था की गयी है. वहीं, इसी कमरे के बीच में चार-पांच टेबल लगाकर सिलाई-कटाई की प्रयोगशाला भी चलती है.
जबकि नॉर्म्स के अनुसार क्लास रूम व प्रयोगशाला अलग-अलग होने चाहिए तथा दोनों जगह एक प्रशिक्षु के लिए क्रमश: 10-10 वर्ग फुट जगह का होना जरूरी है. शुक्रवार 22 दिसंबर को दिन के दो बजे केंद्र पहुंचने पर जो युवती लड़कियों को ट्रेनिंग दे रही थी, वह ट्रेनिंग अॉफ ट्रेनर्स (टीओटी) प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं थी. इस केंद्र में क्लास रूम वाले फ्लोर यानी छत पर पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहां मौजूद एक प्रभारी ने बताया कि पीने का पानी छठे तल्ले पर मिलेगा.
यही नहीं नॉर्म्स के तहत प्रैक्टिकल के लिए कपड़े, कैंची व अन्य सामान ट्रेनिंग सर्विसेस प्रोवाइडर को ही देने हैं. पर वेंचर प्रालि में प्रति ट्रेनी करीब दो हजार रुपये का यह खर्च प्रशिक्षण ले रही लड़कियों को ही उठाना पड़ रहा है. क्लास रूम में सीसीटीवी भी नहीं है. गौरतलब है कि प्रशिक्षण के लिए सरकार टीएसपी को प्रति ट्रेनी प्रति घंटे 40 रुपये का भुगतान करती है. वेंचर में अभी हर दिन चार घंटे का प्रशिक्षण मिल रहा है. पूरा कोर्स पांच से छह माह में पूरा होता है. इस तरह संस्थान को एक दिन के 3200 रुपये मिलेंगे. यानी हर माह करीब एक लाख रुपये, पर बदले में वेंचर प्रालि टीएसपी के तय मापदंडों में से कई का उल्लंघन कर रहा है.
इस झूठ को छुपाने का भी प्रयास किया जाता है. दरअसल छठे तल्ले पर वेंचर स्किल इंडिया प्रा लि का सशुल्क (फीस लेकर) प्रशिक्षण भी होता है, जहां की व्यवस्था अच्छी है. पूछताछ करने पर कहा जाता है कि कौशल विकास की कक्षाएं व प्रैक्टिकल वहां भी होते हैं. पर प्रशिक्षण ले रही लड़कियों ने कहा कि वे छत वाली क्लास में ही पढ़ती हैं.
सौ मीटर दूर संस्थान की भी मॉनिटरिंग नहीं
कचहरी रोड स्थित विकास भवन पंचवटी प्लाजा से बमुश्किल सौ मीटर दूर है. विकास भवन में ही जिला कौशल विकास पदाधिकारी का कार्यालय है, जिन पर टीएसपी की मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी है. पर आश्चर्य की बात है कि वेंचर में यह सब हो रहा है. प्रावधान तो यह है कि किसी भी संस्थान या टीएसपी को प्रशिक्षण का काम देने से पहले सभी सुविधाओं व कागजात का निरीक्षण होता है. ऐसे में शक की गुंजाइश बनती है कि मापदंडों को नजरअंदाज करने के लिए सिस्टम चलाने वाले लोग कहीं इसकी कीमत तो नहीं वसूलते हैं.
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