रांची : म्युमा कॉलेज ऑफ बिजनेस, फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के प्रो डॉ शिवेंदू ने शनिवार को चेंबर भवन में बिट क्वाइन की उपयोगिता, इसकी खामियां और खूबियों पर विस्तृत व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि बिट क्वाइन एक क्रिप्टो करेंसी है, जो आजकल काफी चर्चित है. नाका मोटो संतोषी ने 2008 में इस करेंसी की प्रोग्रामिंग की थी.
यह एक ओपेन सोर्स प्रोग्राम है, जिसमें किसी एक व्यक्ति की मिल्कियत नहीं है. यह डिजिटल करेंसी है, जिसे कोई भी ले सकता है. इस करेंसी में किसी तीसरी पार्टी का हस्तक्षेप रख-रखाव के लिए नहीं है. अमेरिका ने इसे संपत्ति का दर्जा दिया है. इसे लीगल टेंडर नहीं माना जाता है, पर इसकी खरीद-बिक्री पर लगनेवाले कर का भुगतान अनिवार्य किया गया है. इसकी डिजाइनिंग ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित है, जिससे लोग जुड़े हुए हैं. बिट क्वाइन एक कोड है, जिसकी माइनिंग (प्रोग्रामिंग) कंप्यूटरों के माध्यम से की जाती है. इसमें एक बार खर्च किया गया पैसा दूसरी बार खर्च नहीं होता है.
उन्होंने कहा कि बिट क्वाइन के कोड में ऑनरशिप तय की जाती है. इसका गलत प्रतिनिधित्व नहीं हो सका है. इसकी गणना नेटवर्थ (संपत्ति) के रूप में की जाती है. इसमें लेन-देन व सेवाओं का अादान-प्रदान बगैर थर्ड पार्टी के किया जाता है. क्रिप्टो ग्राफिक हैसेज की मदद से ब्लॉक चेन को विकसित किया जाता है. बिट क्वाइन में डिजिटल करेंसी का महत्व है, जिसे प्रमाणित किया जा सकता है. पब्लिक और प्राइवेट की (डबल की) की मदद से इसका ट्रांजैक्शन सुनिश्चित किया जाता है. उन्होंने कहा कि बिट क्वाइन एक पब्लिक लेजर की तरह है, जो कई जगहों पर फैले हुए है. यह सिर्फ पहचान अथवा पहचाने जानेवाले नेटवर्क के माध्यम से ही वितरित हो सकता है. यह ब्लॉक चेन तकनीक वित्तीय सेवाएं, प्राइवेट शेयर, बांड, ट्रेडिंग, संपत्ति कर्ज अथवा क्रॉस बॉर्डर पेमेंट में उपयोगी है. दुबई में ब्लॉक चेन के माध्यम से 2020 तक सभी सरकारी सेवाएं व रिकार्ड आ जायेंगे. अमेरिका में भी ब्लॉक चेन तकनीक के लिए स्टार्ट अप शुरू हो गया है. राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि सरकार को चिंता करने की आवश्यकता है. विषय प्रवेश वरिष्ठ पत्रकार मनोज प्रसाद ने कराया. मौके पर नीति आयोग के अवर सचिव यादवेंद्र माथुर, चेंबर अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया, आइएएस संतोष सत्पथी, मृदुला सिन्हा समेत अन्य लोग मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन किशोर मंत्री ने किया.
बिट क्वाइन की उपयोगिता, खामियां व खूबियों पर व्याख्यान
क्वाइन भारत के लिए एक चुनौती, संसदीय समिति इस पर कर रही है अध्ययन
वित्तीय सेवाएं, प्राइवेट शेयर, बांड, ट्रेडिंग, संपत्ति कर्ज अथवा क्रॉस बॉर्डर पेमेंट में उपयोगी
करेंसी में किसी तीसरी पार्टी का हस्तक्षेप नहीं अमेरिका ने इसे संपत्ति का दर्जा दिया