लालू प्रसाद के सेवकों के मामले में पुलिस की अब भी कोर्ट के आदेश पर टिकी है निगाह
रांची : लालू प्रसाद की सेवा के नाम पर सुमित यादव के फर्जी केस के सहारे रांची के बिरसा केंद्रीय कारा गये मदन यादव और लक्ष्मण कुमार अब भी जेल में ही हैं. इस मामले में लोअर बाजार पुलिस ने मंगलवार को ही कोर्ट को रिपोर्ट समर्पित करते हुए वास्तविकता से अवगत करा दिया था कि सुमित ने झूठा मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें झूठा केस दर्ज कराने के लिए पुलिस ने सुमित यादव के खिलाफ अभियोजन की मांग की थी.
ताकि उसके खिलाफ भादवि की धारा 182, 211 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा सके. लेकिन बुधवार देर शाम तक कोई आदेश कोर्ट से मिलने की बात सामने नहीं आयी. पुलिस ने भी किसी तरह के कोर्ट आदेश मिलने की बात से इनकार किया. उधर, कोर्ट के स्तर से मदन यादव और लक्ष्मण कुमार के मामले में भी कोई आदेश नहीं आया. ऐसे में अब पुलिस की निगाह कोर्ट पर टिकी हुई है. कोर्ट के आदेश के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
उल्लेखनीय है कि मदन और लक्ष्मण ने 23 दिसंबर को अधिवक्ता प्रित्यांशु के माध्यम से प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी अवनीका गौतम की कोर्ट में सरेंडर किया था. इसी दिन सुबह 8:15 बजे मदन और लक्ष्मण पर सुमित ने मारपीट और 10 हजार रुपये छीनने का आरोप लगाते हुए लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी के कुछ घंटों बाद ही मदन और लक्ष्मण ने सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. चंद घंटों में ही इन सब घटनाओं की बात जब सामने आयी, तो पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. इसमें इस पूरे केस को ही फर्जी पाया गया. अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने सुमित के मोबाइल संख्या 9708679992 का सीडीआर निकाला. इसमें 23 दिसंबर 2017 को समय 7:50:49 सेकेंड पर सुमित के मोबाइल का लोकेशन हिनू चौक पर पाया गया.
जबकि घटना के समय 8:19:55 सकेंड पर मोबाइल लोकेशन चंद्रावती अस्पताल, हरमू का है. घटना के पूर्व या बाद में कभी भी सुमित का लोकेशन घटनास्थल या उसके आसपास नहीं है. सुमित के साथ घटना घटित होने का समय 23 दिसंबर को सुबह 8:15 बजे बताया गया है. जबकि उस समय उसका मोबाइल लोकेशन हरमू मार्केट के पास है. उसके साथ घटना घटित हाेने के बाद किसी पीसीआर पुलिस, माइक या कांटा टोली चौक पर मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को सूचना नहीं दी गयी. जबकि कांटा टोली चौक पर ट्रैफिक पुलिस और अन्य अफसर सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक मौजूद रहते हैं.
पुलिस ने सुमित के केस के खिलाफ तीन गवाहों कांटा टोली चौक के चाय दुकानदार मो मुन्ना, सिटी राइड बस का टाइम कीपर मो शोएब खान और एएसआइ देवेंद्र कुमार सिंह का बयान दिखाया है. तीनों ने अपने बयान में कहा है कि तीनों घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर मोजूद थे. लेकिन न तो किसी ने इस घटना के बारे में सुना और न ही पीड़ित पक्ष ने पुलिस को शिकायत ही की. बता दें कि सुमित ने घटनास्थल लोअर बाजार थाना से करीब तीन किलोमीटर पर कांटा टोली चौक स्थित हजारीबाग रोड में श्रीराम शॉ मिल के सामने बताया है. इन सबके बीच सुमित यादव अब भी अपनी बात पर कायम है. उसका कहना है कि हमने दबाव में किसी के खिलाफ कोई केस नहीं कराया है़ जांच के बाद हम पर जो भी कार्रवाई होगी, हम मान लेंगे़ हम हमेशा से पुलिस के संपर्क में है़ं
कौन कर रहा था लोअर बाजार पुलिस को बार-बार फोन
इस केस में एक नया तथ्य सामने आ रहा है कि मदन और लक्ष्मण के सरेंडर करने से पूर्व एक व्यक्ति का लोअर बाजार थाने के अफसर और कर्मी को कई बार फोन आया. फोन करनेवाला कह रहा था कि जल्दी से सुमित यादव द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की कॉपी जमा कीजिये, ताकि उस पर आगे की कार्रवाई हो. हालांकि उस व्यक्ति का नाम अब तक सामने नहीं आया है. बताया जा रहा है कि मामले की जांच सही से होने पर कई नये छिपे हुए चेहरे सामने आयेंगे.
जयप्रकाश यादव व गुप्ता जी से मिलवा दो
रांची : सीबीआइ की विशेष अदालत में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बुधवार को पेशी थी. सीबीआइ कोर्ट से सुनवाई के बाद लालू प्रसाद को बाहर लेकर निकलनेवाले एक पुलिस अधिकारी को लालू ने कान में कहा : हमें जयप्रकाश नारायण यादव व गुप्ताजी से मिलवा दो. मालूम हो कि जयप्रकाश नारायण यादव बांका के सांसद है़ं , जबकि गुप्ताजी यूपी के रहनेवाले हैं आैर लालू के राजनीति में आने के बाद अब तक उनके साथ रहे है़ं दोनों लालू से मिलने रांची आये हुए है़
लालू ने जिस पुलिस अधिकारी के कान में इन दाेनों से मिलने की बात कही, उस अफसर के काम की सराहना भी उन्होंने कोर्ट में और सार्वजनिक रूप से की़ उन्होंने उस अफसर से कहा : अापका काम काफी अच्छा है़ इसी प्रकार काम करते रहें, काफी आगे बढ़ेंगे. बाद में उस अफसर ने बाहर लगे जेल के सूमो तक लालू को पहुंचाया और वापस आ गये. इसके पूर्व लालू प्रसाद बुधवार को दिन के 12:15 बजे जेल से कोर्ट के लिए बाहर निकले. पुलिस लाइन से आयी दो एस्कॉर्ट गाड़ी व पीसीआर उनकी सुरक्षा में लगी थी.
लालू के कोर्ट पहुंचते ही मची अफरा-तफरी
रांची : लालू प्रसाद बुधवार को जैसे ही कोर्ट परिसर पहुंचे, वहां अफरा-तफरी मच गयी. परिसर में पहले से खड़े नेता और कार्यकर्ता उनकी गाड़ी की तरफ लपक कर पहुंच गये. लोगों में अपने नेता के नजदीक पहुंचने की होड़ थी. विधायक भोला यादव, सांसद जयप्रकाश यादव भी पीछे-पीछे चल रहे थे. सारे नेता व कार्यकर्ता भागते हुए सीधे सीबीआइ कोर्ट की तरफ चल दिये. पुलिस का सुरक्षा घेरा भी लगा था. सारे लोग भागते-भागते उनके पीछे आते, तब तक लालू की गाड़ी कोर्ट हाजत की तरफ मुड़ चुकी थी. लोग थोड़ी देर तक खड़े रहे, फिर भागते हुए कोर्ट हाजत तक पहुंचे. लेकिन, वहां पुलिस के जवान तैनात थे, जो किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दे रहे थे. थोड़ी देर बाद विधायक भोला यादव, जयप्रकाश यादव व पूर्व मंत्री सुरेश पासवान भी पहुंचे. लेकिन, केवल भोला यादव को ही जाने की इजाजत दी गयी. इसके थोड़ी देर बाद जय प्रकाश यादव को भी अंदर बुला लिया गया. लालू प्रसाद बोलेरो से कोर्ट पहुंचे थे.
नहीं सर, अंदर जाने की इजाजत नहीं है
कोर्ट हाजत में लालू प्रसाद को ले जाया गया. लालू के अंदर जाते ही हाजत का दरवाजा बंद कर दिया गया. वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया. वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी. जैसे ही विधायक भोला यादव कोर्ट पहुंचे, दरवाजे पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी. लेकिन, कुछ क्षण बाद उन्हें अंदर बुला लिया गया. दरवाजे के बाहर झारखंड के पूर्व मंत्री सुरेश पासवान खड़े रहे.
लालू के लिए राघोपुर से आयी दही, सरसों, बथुआ, पालक व चना साग
बुधवार को जेल गेट पर सन्नाटा पसरा था. सुरक्षाकर्मी भी पहले की अपेक्षा बुधवार को कम दिखे. लालू प्रसाद से जेल मेें मिलने मात्र दो लोग आये थे़ उनमें राघोपुर से किसान प्रकोष्ठ बैशाली के अध्यक्ष राकेश रमण चौबे व राजकुमार यादव थे़ दोनों लालू के लिए राघोपुर से दही, सरसों, बथुआ, पालक, चने की साग, मूली व कद्दू लेकर आये थे.
लालू का राघोपुर से पुराना लगाव रहा है, क्योंकि लालू राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं. उनलोगों के सामान को राजद के झारखंड महासचिव अनिल सिंह आजाद ने जेल के अंदर भिजवाया. वे दोनों सुबह नौ बजे ही लालू से मिलने पहुंच गये थे. जब उन्हें बताया गया कि लालू से सप्ताह में तीन व्यक्ति ही मिल सकते हैं, तो वे मायूस हो गये. उनलोगों ने कहा कि हमारा सामान ही उन तक पहुंच जाये, यही काफी है़ इधर, दोनों जेल गेट पर काफी देर तक खड़े रहे. उन्हें इंतजार था कि लालू जेल से कोर्ट के लिए निकलेंगे, तो उनसे उनकी भेंट हो जायेगी़
लेेकिन जब उन्हें बताया गया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी होगी, तो फिर वे मायूस हो गये. इस बीच अचानक आदेश आया कि लालू कोर्ट जायेंगे़ थोड़ी देर लालू प्रसाद बाहर निकले. अनिल सिंह आजाद, रमन कुमार चौबे और राजकुमार यादव जेल गेट पर ही खड़े थे़ लालू ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया. लालू को देख लेने के बाद बिहार से आये दाेनों राजद नेताओं ने कहा कि हमारी किस्मत थी कि हम अपने भगवान से मिल लिये़ वरना हमें तो लगा कि किसी भी हालत में लालू से मिल नहीं पायेंगे़
मुरझाया हुआ था लालू का चेहरा, नहीं किया काम
रांची. बुधवार को लालू प्रसाद का चेहरा मुरझाया हुआ था. अस्वस्थ होने के कारण पहले की तरह उनके चेहरे पर रौनक नहीं दिख रही थी. उन्हें मंगलवार को ठंड लग गयी थी, जिसके कारण वह दिन भर अपने सेल से बाहर नहीं निकले थे़ उन्हें जेल प्रशासन की ओर से बागवानी का काम मिला है़ लेकिन बीमार रहने के कारण उन्होंने बुधवार को काम नहीं किया़ जेल प्रशासन ने बताया कि पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग से दूसरी पाली में कोर्ट में पेशी की बात थी, तो वे बागवानी करने के लिए तैयार थे. लेकिन जब आदेश आया कि कोर्ट मेें उनकी पेशी होगी, तो उन्होंने काम नहीं किया़
हुजूर, मेरे लिए जेल में खाना बनाने कोई नहीं गया, झूठ लिख रहा मीडियावाला
रांची. दुमका कोषागार से फर्जी निकासी मामले में पेशी के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सीबीआइ कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह का ध्यान आकृष्ट कराया कि मेरे लिए कोई भी जेल में खाना बनाने के लिए नहीं गया है. मीडियावाला झूठ लिख रहा है. इनकी बात का समर्थन उनके अधिवक्ताओं ने भी किया. इस पर जज शिवपाल सिंह ने बोला कि मुझे भी अखबार से ही पता चला इस मामले का. जो गलत लिखा है, उस पर कार्रवाई के लिए आप स्वतंत्र हैं.