रांची/पटना : मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल पूरे झारखंड में न्यूनतम तापमान औसत से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे चल रहा है. सोमवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. सोमवार को शहरी क्षेत्र में राज्य में सबसे कम तापमान डालटनगंज का रिकार्ड किया गया. वहां का न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. उत्तर के मैदानी इलाकों से आ रही ठंडी हवाओं से राज्य का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. धूप भी लोगों को राहत नहीं दे रही है. पिछले 10 दिनों से राजधानी का न्यूनतम तापमान लगातार 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चल रहा है. हवा की गति तेज हो जाने से लोगों को राहत नहीं मिल रही है. बर्फीली हवाओं के मद्देनजर कई स्कूलों ने बच्चों को छुट्टी बढ़ा दी है. मंगलवार सुबह सात बजे राजधानी रांची का तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया यहां 6 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है.
1.10 दर्ज किया गया कांके का न्यूनतम तापमान:बीएयू के मौसम विभाग ने सोमवार को कांके का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया. वहीं, अधिकतम तापमान 19.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया. रविवार को कांके का न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस था.
बात बिहार की करें तो बर्फबारी के बाद सूबे के लगभग सभी जिलों में कनकनी बढ़ी हुई है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मंगलवार से गुरुवार तक पटना में सुबह कोहरा रहेगा और धूप देर से निकलेगी. लेकिन जम्मू तक पहुंचे पश्चिमी विक्षोभ से शीतलहर की संभावना को लेकर जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है. अभी 10 जनवरी तक पटना का न्यूनतम व अधिकतम पारा गिरा रहेगा. लोगों को ठंड लगेगी. मंगलवार को कोहरे का कहर बढ़ने की आशंका है और ठंडी हवा की रफ्तार जमीन की सतह पर भी अधिक होगी. हवा की गति तेज होने से लागों को कोहरे के बाद धूप निकलने से भी राहत नहीं मिलेगी. मंगलवार सुबह सात बजे राजधानी पटना का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.
सोमवार की सुबह कोहरे ने किया परेशान:पटना में ठंड बढ़ने के बाद सोमवार की सुबह अचानक से कोहरा बढ़ गया. नौ बजे के पहले तक कोहरे के कारण स्कूल बस व निजी वाहनों को लाइट जला कर गाड़ियां चलानी पड़ीं. सुबह में आठ बजे भी टहलने निकले लोगों को आगे की सड़क ठीक से नहीं दिख रही थी. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक जमीन पर अचानक से पूर्वा हवा तेज बह रही थी, जिसके कारण कोहरा देर तक रहा, लेकिन जैसे ही हवा में बदलाव हुआ और पछुआ हवा चलने लगी, तो कोहरा खत्म हो गया और धूप निकल गयी. लोगों को लगा कि धूप से राहत मिलेगी, लेकिन धूप निकलने के बाद भी लोग दिन भर कंपकंपाते रहे.