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… तो पद क्यों सृजित नहीं हुआ : हाइकोर्ट
रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को झारखंड एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के गठन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि सरकार झारखंड में एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के गठन पर सहमत […]
रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को झारखंड एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के गठन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि सरकार झारखंड में एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के गठन पर सहमत है, तो अब तक पद सृजित क्यों नहीं हुआ. कब तक सृजित होगा. वर्ष 2015 से मामला क्यों लंबित है.
खंडपीठ ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व मामले के एमिकस क्यूरी अधिवक्ता मनोज टंडन ने खंडपीठ को बताया कि पूर्व में राज्य सरकार झारखंड में स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के गठन पर सहमत हुई थी. नियमावली भी बनायी गयी. झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार के प्रस्ताव पर सहमति भी जतायी थी, लेकिन पद सृजित नहीं होने पर हाइकोर्ट ने अपना अनुमोदन वापस ले लिया था. वहीं अब तक राज्य सरकार द्वारा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के लिए पद का सृजन भी नहीं किया गया है.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने रिट याचिका दायर की थी. पूर्व में जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. साथ ही अधिवक्ता मनोज टंडन को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था.
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