Advertisement
झारखंड : संकट में भविष्य, 20 फरवरी से कक्षा आठ की बोर्ड परीक्षा पर बच्चों को अब तक नहीं मिली किताब
छह से आठ तक के आठ हजार बच्चे कर रहे हैं किताब का इंतजार विद्यालय की कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को मिलती है नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक अप्रैल 2017 में शुरू हुआ था शैक्षणिक सत्र, नौ माह बाद भी किताब नहीं मिली रांची/अनगड़ा : राज्य के 89 मॉडल स्कूल के बच्चों को अब तक […]
छह से आठ तक के आठ हजार बच्चे कर रहे हैं किताब का इंतजार
विद्यालय की कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को मिलती है नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक
अप्रैल 2017 में शुरू हुआ था शैक्षणिक सत्र, नौ माह बाद भी किताब नहीं मिली
रांची/अनगड़ा : राज्य के 89 मॉडल स्कूल के बच्चों को अब तक किताब नहीं मिली. कक्षा आठ की बोर्ड परीक्षा 20 फरवरी से शुरू होगी. विद्यालय की कक्षा छह से आठ तक के लगभग आठ हजार बच्चे अब भी किताब का इंतजार कर रहे हैं. बिना किताब के इस वर्ष भी बच्चों का पठन-पाठन भगवान भरोसे हुआ. मॉडल स्कूल की कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को भी सर्वशिक्षा अभियान के तहत किताबें दी जाती हैं. विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है.
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने वर्ष 2016-17 में कक्षा एक से पांच व 2017-18 में छह से आठ तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है. बच्चों को पहले अंग्रेजी माध्यम की एनसीइआरटी की किताब उपलब्ध करायी जाती थी. पाठ्यक्रम में बदलाव के बाद अंग्रेजी माध्यम में किताब समय पर तैयार नहीं की गयी, इस कारण बच्चों को किताब नहीं दी गयी.
वर्ष 2018 से स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने कक्षा आठ में बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय लिया है, ऐसे में बच्चों को किताब नहीं मिलने से परीक्षा में परेशानी होगी. विद्यालय खुलने के बाद सत्र 2013-14 व 2014-15 में विद्यार्थियों को सरकार के द्वारा पुस्तकें दी गयीं. सत्र 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में विद्यार्थियों ने बगैर पुस्तकों के ही पढ़ाई की. उल्लेखनीय है कि कक्षा छह से आठ की किताब बाजार में भी उपलब्ध नहीं होती, इस कारण बच्चे बाहर से भी किताब नहीं खरीद सकते.
केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खुले स्कूल
केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 में देश भर में शैक्षणिक रूप से पिछड़े प्रखंड में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर मॉडल स्कूल खोलने की योजना शुरू की थी. विद्यालय को मॉडल स्कूल का नाम दिया गया था. झारखंड में कुल 203 मॉडल स्कूल खोले जाने थे. प्रथम चरण में वर्ष 2011 में 40 तथा 2013 में 49 मॉडल स्कूल खोले गये. विद्यालय खोलने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देना था.
शिक्षकों ने कहा : पुरानी किताबों से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, हो रही परेशानी
मॉडल स्कूल अनगड़ा के शिक्षक गौतम प्रसाद ने बताया कि पुरानी किताबों से ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. सरकार से भी पुस्तकें नहीं देने की स्थिति में पुरानी किताबों के आधार पर ही प्रश्न पत्र तैयार करने की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने विभागीय सचिव से किताब उपलब्ध कराने की मांग की थी, उस समय बताया गया था कि किताबें छपने गयी हुई है. शिक्षक आनंद मोहन ने बताया कि इस वर्ष पुराने सिलेबस में काफी बदलाव हुआ है. एनसीइआरटी के सिलेबस में झारखंड से संबंधित विषय भी जोड़े गये हैं.
क्या कहते हैं विद्यार्थी
अब तक किताब नहीं मिली है. पढ़ाई में काफी परेशानी हो रही है. तीन साल से किताब नहीं है. इस वर्ष कक्षा आठ में बोर्ड की परीक्षा होगी. बिना किताब पढ़ाई से परीक्षा में परेशानी होगी.
रंजीत कुमार
बिना किताब ठीक से पढ़ाई नहीं हो पा रही है. पुरानी किताब से किसी तरह पढ़ाई की. बाजार में भी किताब उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बोर्ड परीक्षा में तो कठिनाई होगी ही. परीक्षा को लेकर चिंता बढ़ गयी है.
सन्नु महतो
बिना किताब पाठ्यक्रम आधारित पढ़ाई नहीं हो पा रही है. आठवीं बोर्ड की तैयारी पुरानी किताबों से एवं शिक्षकों के निर्देश पर की गयी है. जो तैयारी हुई है, वह नाकाफी है. परीक्षा काफी नजदीक है.
नमीता कुमारी
किताब नहीं मिलने से पढ़ाई प्रभावित हुई है. आठवीं बोर्ड की तैयारी पूरी लगन से की गयी है, लेकिन पुरानी किताबों के आधार पर की गयी तैयारी कितनी सटीक है, यह तो परीक्षा के समय ही पता चलेगा.
सीमा कुमारी
हमलोग साल भर से किताब का इंतजार कर रहे हैं. शिक्षकों से किताब की मांग करने पर कहा जाता है कि नहीं आयी है. किताब कब तक आयेगी, इस बारे में नहीं बताया जाता है. बिना किताब के पढ़ाई कैसे हो सकती है.
प्रियंका गोस्वामी
विद्यालय में पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम में हाेती है, लेकिन हिंदी माध्यम की पुरानी पुस्तक से हमलोगों ने तैयारी की है. इससे कितनी सफलता मिलेगी, यह फिलहाल नहीं कहा जा सकता. परेशानी हो रही है.
विवेक मुंडा
विद्यालय पहले केंद्र सरकार द्वारा संचालित होता था, अब राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है. इस वर्ष बच्चों को समय पर किताब उपलब्ध नहीं करायी जा सकी. विद्यालयों में पुरानी पाठ्यपुस्तक से पठन-पाठन हुआ है. अगले शैक्षणिक सत्र से बच्चों को समय पर किताब उपलब्ध करा दी जायेगी. इसकी तैयारी कर ली गयी है.
मुकेश कुमार सिन्हा, प्रशासी पदाधिकारी, जेइपीसी
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement