रांची: मनुष्य पारिवारिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक दबावों में कार्य कर तनाव असंतोष व कुं ठा में घिर गया है. इससे मुक्ति पाने के लिए कई लोग बीड़ी, सिगरेट एवं तंबाकू का सहारा लेते हैं, लेकिन यह उनके शरीर को खोखला बनाता जा रहा है.
यह बातें विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय, चौधरी बागान हरमू रोड में रांची विवि के कुलसचिव डॉ अमर कुमार चौधरी ने कहीं. उन्होंने कहा कि तंबाकू धीमा जहर है, इसलिए व्यक्ति को तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए.
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि यह विडंबना है कि आजाद भारत के लोग अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त तो हो गये, लेकिन बीड़ी व सिगरेट का गुलाम हो गये. चेंबर अध्यक्ष रंजीत टिबड़ेवाल ने कहा कि राजयोग से नशा व व्यसन से आसानी से मुक्ति पाया जा सकता है. तंबाकू का त्याग से कैंसर का खतरा टल सकता है.
गुरुनानक स्कूल के प्राचार्य मनोहर लाल ने कहा कि राजयोगी मन का स्वामी बन कर रहता है, दास नहीं. केंद्र संचालिका निर्मला बहन ने कहा कि एक शोध में 183 धूम्रपान करनेवालों ने राजयोग का अभ्यास किया, जिसमें 135 व्यक्ति धूम्रपान की लत से छूट गये. इस अवसर पर लघु नाटक एवं नृत्य प्रस्तुति के माध्यम से धूम्रपान त्यागने का संदेश दिया गया.