श्री दासगुप्ता शनिवार को सीएमपीडीआइ में एटक की सामान्य परिषद की बैठक के खुले सत्र को संबोधित कर रहे थे. तीन दिनी बैठक में यूनियन के आगे की नीतियों पर विचार किया जायेगा. श्री दासगुप्ता ने कहा कि यूनियन को मजबूत करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा. उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देनी होगी. यूनियन में लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत करना होगा. भविष्य की टीम तैयार करनी होगी. कोल, पावर, तेल, सुरक्षा वाले क्षेत्र में यूनियन को मजबूत करना होगा. तभी हम देश को नुकसान पहुंचाने वाली ताकतों से लड़ाई लड़ सकते हैं. अभी उतना संघर्ष नहीं कर पा रहे हैं, जितना हमें करना चाहिए था. हम सिर और हाथ कटाने के लिए तैयार हैं.
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मजदूर सिर्फ मजदूर हैं, हिंदू या मुसलमान नहीं : गुरुदास
रांची : एटक के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि देश में सिर्फ मजदूरों पर ही हमले नहीं हो रहे हैं. सरकार की वर्तमान व्यवस्था से किसान, मजदूर, युवा, छात्र, आम आदमी सभी परेशान हैं. पूंजीवादी व्यवस्था बढ़ती जा रही है. आम लोगों को भी धर्म और संप्रदाय के नाम पर […]
रांची : एटक के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि देश में सिर्फ मजदूरों पर ही हमले नहीं हो रहे हैं. सरकार की वर्तमान व्यवस्था से किसान, मजदूर, युवा, छात्र, आम आदमी सभी परेशान हैं. पूंजीवादी व्यवस्था बढ़ती जा रही है. आम लोगों को भी धर्म और संप्रदाय के नाम पर बांटने की कोशिश हो रही है. ऐसे में लोगों को यह समझाना होगा कि मजदूर सिर्फ मजदूर हैं. वह न तो हिंदू हैं, न मुसलमान. वह देश के विकास के लिए काम करते हैं. अपनी सुविधा मांगते हैं और हक की लड़ाई लड़ते हैं.
श्री दासगुप्ता शनिवार को सीएमपीडीआइ में एटक की सामान्य परिषद की बैठक के खुले सत्र को संबोधित कर रहे थे. तीन दिनी बैठक में यूनियन के आगे की नीतियों पर विचार किया जायेगा. श्री दासगुप्ता ने कहा कि यूनियन को मजबूत करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा. उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देनी होगी. यूनियन में लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत करना होगा. भविष्य की टीम तैयार करनी होगी. कोल, पावर, तेल, सुरक्षा वाले क्षेत्र में यूनियन को मजबूत करना होगा. तभी हम देश को नुकसान पहुंचाने वाली ताकतों से लड़ाई लड़ सकते हैं. अभी उतना संघर्ष नहीं कर पा रहे हैं, जितना हमें करना चाहिए था. हम सिर और हाथ कटाने के लिए तैयार हैं.
एटक की उप महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि यूनियन का काम आंदोलन करना है. हम सरकार को आंख भी दिखायेंगे और अंगुली भी. मोदी और रघुवर सरकार कहती है कि सरकार को अंगुली दिखानेवालों का हाथ काट देंगे. आंख दिखानेवालों का सिर काट देंगे. तो एटक भी तैयार है हाथ और सिर कटाने के लिए. लेकिन हम तो सरकार का विरोध करेंगे. सरकार को कठघरे में खड़ा करेंगे. एटक 1920 की यूनियन है. संघर्ष से ही उपज हुई है.
पत्थर का जवाब पत्थर से देंगे
एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद रमेंद्र कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार में मजदूरों पर हमले बढ़े हैं. इसका जवाब एटक को देना है. पत्थर का जवाब पत्थर से देंगे. मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध करेंगे. हमें ऐसी यूनियनों से भी सतर्क रहना है जो केवल कागज पर सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं. खुले सत्र का संचालन अशोक यादव ने किया.
विदाई भाषण दिया गुरुदास ने
अपने भाषण के क्रम में पूर्व सांसद सह एटक महासचिव ने कई बार पद छोड़ने का जिक्र किया. स्वास्थ्य कारणों से वह महासचिव का पद छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 14 साल से काम कर रहे हैं. अच्छा किया या बुरा किया इसका आकलन आप करें. लेकिन आनेवाले दिनों में यूनियन को और मजबूत करना होगा. इसके लिए उन्होंने कई टिप्स भी दिये.
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