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अफसर बोले : विरोध करनेवालों पर होगा काम में बाधा डालने का मुकदमा ,दुकानदार बोले : नगर निगम चाहे गोलियां चलवाये, हम बाजार से नहीं हटेंगे
लालपुर सब्जी मंडी के दुकानदार और रांची नगर निगम के बीच ठन गयी है. यहां नगर आयुक्त के उस आदेश का विरोध हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि लालपुर और बहूबाजार सब्जी मंडी में केवल सुबह के वक्त चार घंटे (6:00 बजे से 10:00 बजे तक) ही दुकानें लगेंगी. बुधवार सुबह नगर निगम […]
लालपुर सब्जी मंडी के दुकानदार और रांची नगर निगम के बीच ठन गयी है. यहां नगर आयुक्त के उस आदेश का विरोध हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि लालपुर और बहूबाजार सब्जी मंडी में केवल सुबह के वक्त चार घंटे (6:00 बजे से 10:00 बजे तक) ही दुकानें लगेंगी. बुधवार सुबह नगर निगम के इंफोर्समेंट असफर यहां दुकानदारों को हटाने पहुंचे, लेकिन दुकानदारों ने एकजुट होकर उनका विरोध शुरू कर दिया. इस पर टीम ने दुकानदारों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का केस दर्ज कराने की धमकी दी. इस पर दुकानदार और उग्र हो गये. उन्होंने नगर निगम की चेतावनी स्वीकार करते हुए कहा : नगर निगम चाहे, तो यहां गोलियां चलवाये, लेकिन वे अपनी दुकानें नहीं हटायेंगे.
रांची: रांची नगर निगम की ओर से करीब हफ्ते भर पहले से ही लालपुर सब्जी मंडी और बहूबाजार सब्जी मंडी के दुकानदारों को निर्धारित समय तक दुकानें लगाने की सूचना दी जा रही थी. बुधवार सुबह 11:00 बजे नगर निगम के इंफोर्समेंट अफसराें की टीम लालपुर सब्जी मंडी पहुंची और दुकानदारों को हटाने का अभियान शुरू कर दिया. टीम को देखते ही दुकानदारों में भागमभाग की स्थिति उत्पन्न हो गयी. वे अपना-अपना सामान समेटकर भागने लगे. इस क्रम में नगर निगम की टीम ने कुछ फल दुकानदारों का ठेला जब्त कर लिया और नगर निगम कार्यालय चली गयी.
एकजुट हुए दुकानदार, बनायी विरोध की रणनीति : नगर निगम की टीम के वहां से जाते ही बाजार के दुकानदार एकजुट हो गये और विरोध की रणनीति बनायी. दोपहर 1:00 बजे नगर निगम की टीम एक बार फिर लालपुर सब्जी मंडी पहुंची. टीम ने आते ही तीन सब्जी दुकानदारों का जब्त करना शुरू कर दिया. इसी बीच सब्जी मंडी के सभी दुकानदार गोलबंद हो गये और टीम का विरोध शुरू कर दिया. वे कह रहे थे कि किसी भी हाल में वे बाजार को छोड़ कर नहीं जायेंगे.
इंफोर्समेंट अफसर ने दुकानदारों को चेताया
दुकानदारों का विरोध देखते हुए नगर निगम के इंफोर्समेंट अफसरों ने चेतावनी दी कि पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी करवायी जा रही है. जो भी विरोध में शामिल हैं, सभी पर सरकारी काम में बाधा डालने का केस दर्ज कराया जायेगा. इस पर उग्र सब्जी विक्रेताओं ने कहा : हम केस-फौजदारी से डरनेवाले नहीं हैं. नगर निगम चाहे तो यहां गोलियां चलवाये, हम इस मार्केट से हटनेवाले नहीं हैं. भारी विरोध को देखते हुए निगम की टीम सब्जी मार्केट से वापस लौट गयी. रांची नगर निगम की टीम का विरोध करनेवालों में ‘नेशनल हॉकर फेडरेशन’ की महासचिव अनीता दास, अध्यक्ष दीपक सिंह सहित काफी संख्या में फुटपाथ दुकानदार शामिल थे.
फुटपाथ दुकानदार संघ की चार सूत्री मांग
इधर, नगर निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए ‘रांची फुटपाथ दुकानदार हॉकर संघ’ ने नगर आयुक्त के समक्ष चार सूत्री मांग पत्र रखा है. संघ ने तत्काल ‘टाउन वेंडिंग कमेटी’ के गठन की मांग की है. कहा है कि जब तक कमेटी का गठन नहीं हो जाता है तब तक किसी प्रकार के अभियान पर रोक लगायी जाये. साथ ही केंद्र सरकार के कानून के अनुसार रांची नगर निगम शहर के फुटपाथ दुकानदारों को बसाने की पहल करे.
560 दुकानदार हैं लालपुर सब्जी मंडी में
लालपुर सब्जी मंडी में फुटपाथ पर 560 दुकानें लगती हैं. इनमें 450 दुकानें सब्जी की, 40 दुकानें मुर्गे की, 60 दुकानें मछली की हैं. वहीं, करीब 10 दुकानों में खस्सी का मीट बिकता है. गौरतलब है कि झारखंड अलग राज्य बनने के पहले से यहां बाजार लग रहा है. शुरुआती दिनों में यहां 20-30 सब्जी दुकानें लगाती थी, लेकिन समय के साथ दुकानों की संख्या बढ़कर 560 तक पहुंच गयी.
आठ लाख का कारोबार होता है रोजाना
कोकर के डिस्टिलरी पुल से लेकर लालपुर चौक से पहले तक सड़के दोनों ओर लगनेवाले इस बाजार में प्रतिदिन करीब आठ लाख रुपये का कारोबार होता है. वर्द्धमान कंपाउंड, लालपुर, कोकर, बांधगाड़ी, कांटाटोली, पुरुलिया रोड, थड़पखना एवं नगड़ा टोली के लोग बड़ी संख्या में यहां से जरूरत के सामान खरीदते हैं. मछली खाने के शौकिन लोगों के लिए भी यह मार्केट ही एकमात्र उम्मीद है क्योंकि यहां बंगाल की मशहूर मछली हिलसा भी मिलती है.
…और इधर
आठ साल से दुकानदारों को सपना दिखा रहा नगर निगम
रांची नगर निगम पिछले आठ साल लालपुर सब्जी मंडी के दुकानदारों को स्थायी रूप से व्यवस्थित करने का सपना दिखा रहा है. सबसे पहले वर्ष 2011 में डिस्टिलरी नदी के ऊपर मार्केट बनाने का प्रस्ताव लाया गया, जिसे सरकार से मंजूरी नहीं मिली. बाद में इन्हें साधु मैदान में बसाने का प्रयास हुआ, लेकिन यहां भी जमीन नहीं मिली. फिर इन्हें डिस्टिलरी में (जहां वर्तमान में नया पार्क बना है) बसाने का प्लान तैयार किया गया. यह योजना भी धरातल पर नहीं उतरी. इस वर्ष इन दुकानदारों को कोकर इंडस्ट्रियल एरिया में बसाने की बात हुई. लेकिन, जिस भूखंड पर दुकानदारों को बसाना था, उसपर बिहार सरकार ने दावा ठोंकते हुए नोटिस लगा दिया कि इस जमीन का मामला हाइकोर्ट में चल रहा है.
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