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लौटायी जायेगी गरही जलाशय योजना के लिए अधिग्रहित भूमि
रांची : गरही जलाशय योजना के लिए अधिग्रहित की गयी भूमि रैयतों को वापस की जायेगी. राज्य के जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने बताया कि भूमि वापसी की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. चतरा एवं हजारीबाग जिले में योजना के लिए अधिग्रहित की गयी 1852.9075 एकड़ भूमि रैयतों को लौटायी जायेगी. गरही […]
रांची : गरही जलाशय योजना के लिए अधिग्रहित की गयी भूमि रैयतों को वापस की जायेगी. राज्य के जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने बताया कि भूमि वापसी की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. चतरा एवं हजारीबाग जिले में योजना के लिए अधिग्रहित की गयी 1852.9075 एकड़ भूमि रैयतों को लौटायी जायेगी.
गरही जलाशय योजना के लिए चतरा में राहम ग्राम की 372.61 एकड़, नईपारम ग्राम की 218.65 एकड़, उत्तराठी ग्राम की 60.8925 एकड़, लरंगा ग्राम की 12.51 एकड़, दुंदुआ ग्राम की 196.56 एकड़, टंडवा ग्राम की 36.39 एकड़ व लरंगा ग्राम की 76.805 एकड़ भूमि और हजारीबाग जिले में 878.49 एकड़ भूमि का अधिग्रहण जनवरी 2005 में किया गया था. मालूम हो कि 1999 में संयुक्त बिहार के समय थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए गरही जलाशय योजना निर्माण का फैसला लिया गया था. योजना के डूब क्षेत्र एवं पुनर्वास स्थल के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था. हालांकि, एनटीपीसी द्वारा भू-अर्जन और जलाशय निर्माण के लिए राशि नहीं दी गयी. इसकी वजह से गरही जलाशय योजना निर्माण का काम बंद हो गया था.
गरही जलाशय योजना की उपयोगिता केवल पावर प्लांट के लिए थी. मंत्री ने कहा कि गांव के लोगों की असली पूंजी भूमि होती है. यही जीवन-यापन का मुख्य जरिया है. इस लिहाज से रैयतों को भूमि वापस करने का आदेश दिया गया है.
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