रांची : आयकर विभाग ने सीसीएल के खिलाफ 122.39 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया है. आयकर विभाग की टीडीएस शाखा ने सीसीएल द्वारा कोयले की बिक्री के दौरान स्रोत पर टैक्स की कटौती नहीं किये जाने की वजह से इस राशि के भुगतान के लिए नोटिस जारी किया है. सर्वे के दौरान निजी उपयोग के नाम पर कोयले की कालाबाजारी से संबंधित मिली सूचनाएं आयकर विभाग ने दूसरी जांच एजेंसियों को भी दी है.
आयकर विभाग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि सीसीएल में सर्वे के दौरान दस्तावेज की जांच-पड़ताल के बाद जानकारी मिली कि 192 कंपनियां निजी उपयोग के नाम पर कोयले का उठाव करती है. ये कंपनियां फार्म 27 का दुरुपयोग करती हैं. निजी उपयोग के लिए कोयले का उठाव करने के बाद उसे खुले बाजार में बेच दिया जाता है. सर्वे के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर सीसीएल को अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिया गया था. इसके आलोक में सीसीएल की ओर से यह कहा गया कि आयकर विभाग ने कथित रूप से फार्म 27 का दुरुपयोग करनेवालों को कोयला देना बंद करने को कहा है.
निजी उपयोग के लिए संबंधित इकाइयों को कोयला देना बंद करने से कंपनी की आर्थिक स्थिति पर गलत प्रभाव पड़ेगा. आयकर विभाग ने समीक्षा के दौरान सीसीएल के इस जवाब को गलत माना है, क्योंकि आयकर के सक्षम अधिकारी ने कभी कोयला देना बंद करने का निर्देश नहीं दिया था. आयकर के सक्षम अधिकारी की ओर से कोयले की बिक्री के समय स्रोत पर टैक्स की कटौती करने का निर्देश दिया गया था, ताकि फार्म 27 का दुरुपयोग रोका जा सका.
आयकर विभाग ने सीसीएल के जवाब की समीक्षा करने के बाद पाया है कि इस कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2012-13 से जुलाई 2017 तक की अवधि में फार्म 27 के सहारे 9627.83 करोड़ रुपये के कोयले की बिक्री की है. हालांकि किसी से टैक्स की कटौती नहीं की है. इसलिए आयकर विभाग ने सीसीएल के खिलाफ कोयले की इस बिक्री पर टैक्स और एक प्रतिशत की दर से सूद की गणना करने के बाद 122.39 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया है.
बिना टैक्स काटे कोयला की बिक्री (करोड़ में)
वित्तीय वर्ष बिक्री
2012-13 1809.02
2013-14 1138.56
2014-15 853.98
2015-16 1151.80
2016-17 2839.85
2017-18 1834.58