नयी गाइडलाइन की अधिसूचना 31 अक्तूबर को निदेशालय ने जारी कर दी है. नयी गाइड लाइन से ऐसी दवाओं की ट्रैकिंग की जायेगी. सीएनएफ, स्टॉकिस्ट व होलसेलर से लेकर खुदरा दवा दुकानदार निगरानी के दायरे में होंगे. राज्य औषधि निदेशालय के संयुक्त निदेशक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि नशा के रूप में प्रयोग होनेवाली दवाओं के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है.
Advertisement
राज्य औषधि निदेशालय ने जारी की अधिसूचना जारी, नशा में प्रयोग होनेवाली दवाओं के लिए नयी गाइडलाइन तैयार
रांची: राज्य में नशा के लिए इस्तेमाल की जानेवाली दवाओं की खरीद-बिक्री अब आसान नहीं होगी. राज्य औषधि निदेशालय ने नशा में प्रयोग होनेवाली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए नयी गाइडलाइन तैयार की है. नयी गाइडलाइन की अधिसूचना 31 अक्तूबर को निदेशालय ने जारी कर दी है. नयी गाइड लाइन से ऐसी दवाओं […]
रांची: राज्य में नशा के लिए इस्तेमाल की जानेवाली दवाओं की खरीद-बिक्री अब आसान नहीं होगी. राज्य औषधि निदेशालय ने नशा में प्रयोग होनेवाली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए नयी गाइडलाइन तैयार की है.
नयी गाइडलाइन की अधिसूचना 31 अक्तूबर को निदेशालय ने जारी कर दी है. नयी गाइड लाइन से ऐसी दवाओं की ट्रैकिंग की जायेगी. सीएनएफ, स्टॉकिस्ट व होलसेलर से लेकर खुदरा दवा दुकानदार निगरानी के दायरे में होंगे. राज्य औषधि निदेशालय के संयुक्त निदेशक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि नशा के रूप में प्रयोग होनेवाली दवाओं के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है.
इन दवाओं की ट्रैकिंग
कोडिन फॉस्फेट बेस्ट कफ सिरप जैसे- कोरेक्स कफ सिरप, रिकोडेक्स, केंटामाइन, पेंटाओसीन, फोस्टविन, टर्माडोल आदि.
नशा के रूप में इस्तेमाल होनेवाली दवाओं के लिए नयी गाइडलाइन तैयार की गयी है. इससे दवाओं के दुरुपयोग पर रोक लगेगी.
रितु सहाय, ड्रग कंट्रोलर
सीएनएफ, स्टॉकिस्ट व होलसेलर
सीएनएफ, स्टॉकिस्ट एवं होलसेलर को सब-डीलर व सब-स्टॉकिस्ट के लाइसेंस की कॉपी लेनी होगी. कितनी मात्रा में ऐसी दवाओं की बिक्री की गयी है, इसका रिकाॅर्ड भी रखना होगा. नवीकरण का सर्टिफिकेट भी लेना होगा. दुकानाें द्वारा मांगी गयी दवाओं के मांग पत्र को भी रखना होगा. डॉक्टरों के मांग पात्र का रिकॉर्ड भी रखना होगा. दवाओं के मांगपत्र व निर्गत की गयी हस्ताक्षरयुक्त कॉपी (जिसमें स्टांप भी लगा होगा) भी रखने होंगे. इसके अलावा प्रत्येक माह की खरीद-बिक्री (दवाओं के बैच नंबर के साथ) का डिटेल हर माह के अंतिम सप्ताह में राज्य औषधि निदेशालय में जमा करना होगा. सीएनएफ, स्टॉकिस्ट व होलसेलर से सब-डीलर व खुदरा व्यापारी अगर 100 या 50 यूनिट (टैबलेट, सिरप, इंजेक्शन एवं कैप्सूल) खरीदने आते हैं, तो खुदरा व्यापारी को लिखित रूप से बताना होगा कि पहले की खरीदी गयी दवाएं कितनी और किसको बेची है.
खुदरा दवा दुकानदार
खुदरा दुकानदार होलसेलर को अपना ड्रग लाइसेंस की कॉपी व दवाओं की खरीद का ब्योरा देंगे. लाइसेंस के नवीकरण का प्रमाण पत्र भी देंगे. अगर कोई डॉक्टर इन दवाओं का प्रयोग करता है, तो उसे भी पूरा ब्योरा सीएनएफ को देना होगा. उक्त दवाओं की 50 यूनिट ग्राहक को बेचने पर खरीदार का पूरा ब्योरा भी खुदरा दुकानदार को रखना होगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement