रांचीः राज्य सरकार ने 54 मृत पेंशन भोगियों की सूचना महालेखाकार को नहीं दी है. इसमें से कई पेंशन भोगी ऐसे हैं जिनकी मृत्यु 2002 में ही हो चुकी है. महालेखाकार ने पेंशन भोगियों और कोषागारों की जांच पड़ताल के बाद इससे संबंधित सूचना सरकार को दी है. इस वजह से मृत पेंशन भोगियों के नाम के लाखों रुपये कोषागार में पड़े हुए हैं.
सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि पेंशन भोगियों की मृत्यु के बाद यदि उनका कोई आश्रित नहीं हो तो इससे संबंधित सूचना तत्काल महालेखाकार को देने का नियम है. सूचना के साथ ही महालेखाकार द्वारा जारी किये गये पेंशन पत्र को लौटाना भी आवश्यक है.
पर, राज्य के आठ कोषागारों के निरीक्षण के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि 54 पेंशन भोगियों की मौत हो चुकी है. उनका कोई आश्रित भी नहीं है. इसके बावजूद इससे संबंधित सूचना महालेखाकार को नहीं दी गयी. जांच में पाया गया कि धनबाद कोषागार के पांच पेंशन भोगियों की मौत के 11-12 साल बाद भी इसकी सूचना नहीं दी गयी. जांच में इस तरह के सबसे अधिक मामले दुमका कोषागार के पाये गये हैं.