खिजरी विधानसभा के नामकुम प्रखंड स्थित लाली पंचायत का हेसोटोली क्षेत्र पिछले चुनाव में वोट बहिष्कार के कारण चर्चा में आया था़ इस बार यहां करीब 80 फीसदी लोगों ने मतदान किया है. सुदूर वन क्षेत्र में पड़ने वाले इस बूथ में लाली पंचायत के आठ टोले के लोग वोट डालने आये. कुल 1072 मतदाताओंवाले इस बूथ पर गुरुवार को सिर्फ एक ही इवीएम मशीन लगायी गई थी. ग्रामीणों को वोट डालने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. इसके बावजूद शाम चार बजे तक करीब आठ सौ लोगों ने वोट डाल दिये थे.
मालूम हो कि सड़क, बिजली, पानी तथा शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी मांगों को लेकर यहां के ग्रामीणों ने पहले खुद को मतदान प्रक्रिया से अलग रखा था. इस बार यहां मतदान को लेकर काफी उत्साह दिखा. वोट देने के बाद हेसा के रतन प्रमाणिक ने कहा पिछले चुनाव में बहिष्कार के बाद इस क्षेत्र में कुछ काम हुआ है़ हम अपने सांसद से उम्मीद करेंगे कि इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं बहाल हो. हहाप के रमेश मुंडा चाहते हैं कि नये सांसद उनके इलाके में आएं, यहां की समस्याओं को देखे तथा विकास के लिए सार्थक प्रयास करें़ वहीं करकट्टा की राम रूदन देवी चाहती है कि उनका सांसद लोगों की दुख तकलीफों को समझनेवाला तथा साफ छवि का हो. उसे विकास के प्रति भी गंभीर होना चाहिए.
मतदान शुरू होने के बाद पहुंची फोर्स : नामकुम के खिजरी, बरगांवा, केतारी बागान, तेतरी व पिंडारकोम स्थित बूथों पर मतदान शुरू होने के बाद फोर्स पहुंची. खिजरी के 109 बूथों में से अति संवदेनशील बूथों पर सेंट्रल पारा मिलिट्री फोर्स तैनात थी. संवेदनशील बूथों पर सुरक्षा के इंतजाम करने में प्रशासन को काफी समय लगा. यह अलग बात है कि कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. उग्रवादी संगठनों को इस बार जनता ने नकार दिया व मतदान में हिस्सा लिया. पुलिस ने मतदान की पूर्व संध्या पर वोट बहिष्कार से संबंधित कई पोस्टर व बैनर जब्त किये. वोट बहिष्कार का असर नहीं दिखा.