रांची/ पटना: मुजफ्फरपुर शहर में एक होटल से गिरफ्तार वरिष्ठ माओवादी नेता अनूप ठाकुर और उसकी प्रेमिका विनीता भारती को झारखंड पुलिस अपने साथ ले आयी है. दोनों को लातेहार ले जाया गया है. बुधवार को दोनों से काफी देर तक पूछताछ की गयी. इसमें कई अहम जानकारियां सामने आयी हैं. उससे छत्तीसगढ़ की सुकमा की घटना के बारे में भी पूछताछ की जा रही है. अनूप की निशानदेही पर कोयल-शंख जोन के लातेहार, गढ़वा, पलामू, गुमला और लोहरदगा में पुलिस अभियान आरंभ किया गया है.
कोयल-शंख जोन के सचिव और बिहार-झारखंड रीजनल कमेटी के सदस्य अनूप ठाकुर ने बताया कि झारखंड और बिहार में माओवादियों का संगठन कमजोर हुआ है. कोयल-शंख जोन में बेरोजगार युवकों को 10 हजार रुपये मासिक भत्ते का लालच दिया जा रहा है, तब भी नये कैडर भरती नहीं हो रहे हैं. सुरक्षा बलों का दबाव बढ़ने की वजह से माओवादी जंगल छोड़ कर शहरों में शरण ले रहे हैं.
लेवी की राशि अपने पास रख लेते हैं सदस्य
उसने यह भी बताया कि कोयल-शंख जोन से हर साल करीब पांच करोड़ रुपये लेवी की वसूली होती है. लेकिन लेवी के पैसे के हिसाब-किताब में बड़े पैमाने पर घपला किया जा रहा है. इसे लेकर संगठन में विवाद चल रहा है. पार्टी के अनेक सदस्य और नेता लेवी का पैसा अपने पास ही रख लेते हैं. अनूप ने माना कि माओवादियों से मोहभंग की वजह से कई साथी अब टीपीसी और दूसरे उग्रवादी संगठनों से जुड़ चुके हैं.
2004 में भी गिरफ्तार हुई थी विनीता
40 वर्षीया विनीता झारखंड व बिहार के कई इलाकों में सक्रिय थी. माओवादियों के बीच उसे श्वेता, अनीता, प्रतिमा समेत कई नामों से जाना जाता है. हथियार चलाने में माहिर अनीता मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाना क्षेत्र के महुली गांव की रहनेवाली है. उसका पति अमर लाल देव उर्फ नकुल जी भाकपा (माओवादी) की सर्वोच्च समिति, सेंट्रल कमेटी का सदस्य है. दरभंगा के बहेड़ा का मूल निवासी नकुल को सारण में 2010 में गिरफ्तार किया गया था, तब से वह जेल में है. वर्ष 2004 में विनीता को एसटीएफ ने पटना के जक्कनपुर इलाके में अवैध हथियारों के साथ पकड़ा था. इस मामले में जेल से छूटने के बाद वह फिर से माओवादियों के साथ हो गयी. वह माओवादियों के मिलिट्री दस्ते की अहम सदस्य थी.
हथियारों की खरीद में माहिर अनूप
अनूप ठाकुर कोयल-शंख जोन का सचिव और बिहार-झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य है. वह गया जिले के कोठी थाने के सलैयां पकड़ी गांव का मूल निवासी है. वह करीब 10 वर्षो से संगठन में है. उसकी तलाश झारखंड के साथ बिहार और छत्तीसगढ़ पुलिस को भी थी. अनूप दंतेवाड़ा के उस माओवादी हमले का भी आरोपी है, जिसमें सीआरपीएफ के 76 जवान मारे गये थे.
अनूप की देख-रेख में ही स्थानीय संगठन में हथियारों की खरीद होती थी. वह झारखंड के गुमला व सिमडेगा के ग्रामीण युवकों को संगठित कर उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, चतरा में अनूप ठाकुर के भाई विजय ठाकुर का टीपीसी ने अपहरण कर लिया था. बाद में आपसी समझौते के बाद विजय ठाकुर को छोड़ा गया था.
कोयल-शंख जोन में अनूप के सहयोगी
अनूप ठाकुर ने पूछताछ के दौरान झारखंड में रहनेवाले अरविंद उर्फ निशांत, प्रयाग उर्फ विवेक सहित कई अन्य लोगों के बारे अहम जानकारी दी है, जिनके साथ अनूप गुमला के रायडीह में बैठक कर चुका है. उसके सहयोगियों में नकुल यादव, बलिराम उरांव, चार्लीज उर्फ तूफानजी, सिलवेस्टर मिंज, प्रसाद यादव, विकास उर्फ उमेश आदि शामिल हैं.