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उपलब्धि: खुले में शौच से मुक्त बना झारखंड का 60वां प्रखंड नगड़ी, केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा 70 साल की ”गंदगी” दूर कर रही भाजपा

रांची/ पिस्कानगड़ी: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शुक्रवार को नगड़ी प्रखंड को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया. यह झारखंड का 60वां प्रखंड है, जो ओडीएफ घोषित किया गया. इस मौके पर नगड़ी प्रखंड में स्वच्छता उत्सव समारोह का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस […]

रांची/ पिस्कानगड़ी: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शुक्रवार को नगड़ी प्रखंड को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया. यह झारखंड का 60वां प्रखंड है, जो ओडीएफ घोषित किया गया. इस मौके पर नगड़ी प्रखंड में स्वच्छता उत्सव समारोह का आयोजन किया गया.

मुख्य अतिथि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा कि आजादी के 70 साल के बाद भी देश की स्वच्छता पर किसी का ध्यान नहीं गया. लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने शपथ लेने के साथ ही अपने पहले स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय निर्माण की कल्पना की थी. अब वह कल्पना साकार होता दिख रहा है. झारखंड के गांवों में सुबह होते ही लोग लोटा लेकर खेतों की ओर जाते दिखाई पड़ते थे. इस मिशन के बाद अब लोग शौचालय का उपयोग कर रहे हैं. शौचालय घर की बेटी-बहू की इज्जत का प्रतीक है. यह गर्व की बात है कि अब हमारी बेटियां इतनी जागरूक हो रही हैं कि शादी से पहले यह पूछती हैं कि होनेवाले पति के घर में शौचालय है कि नहीं है.
स्वास्थ्य व धन दोनों की बचत होगी : श्री अहलूवालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मुख्यमंत्री की उद्यमिता के साथ ही चंद्रप्रकाश चौधरी की मेहनत है कि झारखंड में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का कार्य काफी तेजी से हो रहा है. हालांकि इसमें और तेजी लाने की जरूरत है, तभी प्रधानमंत्री का सपना पूरा हो सकेगा. मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा घर में शौचालय होगा तो आसपास सफाई रहेगी. इससे स्वास्थ्य ठीक होगा और जब हमारा शरीर स्वस्थ होगा तो बीमारी नहीं आयेगी. इससे स्वास्थ्य व धन दोनों की बचत होगी.
चालू होंगी लंबित परियोजनाएं : पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि दो अक्तूबर 2019 तक झारखंड को खुले में शौच से मुक्त बनाना है. इसके लिए जागरूकता अभियान सहित कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. यह भी लक्ष्य है कि 2022 तक प्रत्येक घर को पाइपलाइन से पानी मिले. इसके लिए लंबित परियोजनाएं चालू की जायेंगी. चूंकि यहां से हर प्रयोग किये जा रहे हैं, तो पेयजल परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए नगड़ी को प्राथमिकता दी जायेगी.
स्वस्थ रहना ज्यादा महत्वपूर्ण है : रांची सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि विकास का आधार पथ, बिजली, पानी और आवास है. लेकिन शौचालय भी जरूरी है, जो मानव जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है. अगर हम व्यावहारिक जीवन में खर्च का आकलन करें तो सबसे अधिक खर्च चिकित्सा पर करते हैं. इसलिए हमें शौचालय के उपयोग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और दूसरे को भी प्रेरित करना है कि हमेशा स्वस्थ रहेंगे.
दूसरों को भी जागरूक करें : खिजरी विधायक रामकुमार पाहन ने कहा कि सरकार स्वच्छता के लिए घर-घर शौचालय का निर्माण कर रही है. जनप्रतिनिधि जिस प्रकार शौचालय निर्माण में मदद कर रहे हैं उसी प्रकार शौचालय के उपयोग के लिए भी जागरूक करने की आवश्यकता है. उपायुक्त मनोज कुमार ने कहा कि नगड़ी को खुले में शौच से मुक्त प्रखंड बनाया गया है यह गर्व की बात है
शपथ दिलायी और सम्मानित किया : स्वागत भाषण नगड़ी बीस सूत्री अध्यक्ष चुड़ामणी महतो एवं धन्यवाद ज्ञापन डीडीसी सच्चिदानंद ने किया. इसके पूर्व अतिथियों ने मेला टिकरा स्थित नवनिर्मित जलमीनार का अवलोकन किया एवं निर्देश दिया. अतिथियों ने पौधरोपण भी किया. कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों को स्वच्छता शपथ दिलायी गयी. साथ ही सभी मुखिया को शॉल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया . जलसहिया को भी प्रोत्साहन राशि दी गयी. मौके पर पेयजल एवं स्वच्छता के प्रधान सचिव एपी सिंह, रांची जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष जैलेंद्र कुमार, जिप उपाध्यक्ष पार्वती देवी, तपेश्वर केसरी, प्रणव कुमार बब्बू, केदार महतो, तपेश्वर चौधरी, राहुल श्रीवास्तव, बीडीओ कुलदीप कुमार, मेघनाथ महतो, विजय कुमार, हेमंत केसरी सहित मुखिया, जलसहिया तथा ग्रामीण उपस्थित थे.
टाइम बांड प्रोजेक्ट है
श्री अहलूवालिया ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन एक टाइम बांड प्रोजेक्ट है. दो अक्तूबर 19 तक पूरे देश को ओडीएफ करना है. अभी नौ राज्य हैं, जो राष्ट्रीय औसत 69 प्रतिशत से नीचे हैं. इसमें एक झारखंड भी शामिल है. मंत्री ने कहा कि 2014 में पूरे देश में 38 फीसदी घरों में ही शौचालय था. पर आज 69 प्रतिशत घरों में है. यह पीएम के आह्वान का असर है. 2014 में झारखंड का प्रतिशत 27 प्रतिशत पर था. आज झारखंड 61 प्रतिशत पर है यानी राष्ट्रीय औसत के करीब है.
कड़ी मेहनत करनी होगी
मंत्री ने कहा कि झारखंड को ओडीएफ करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. अभी तक 20 लाख सात हजार 820 टॉयलेट बने हैं. 18 लाख 560 टॉयलेट 14 माह में बनाने हैं. यानी 4200 टॉयलेट प्रतिदिन बनाने होंगे. 2022 तक हर नागरिक को स्वच्छ पेयजल दिलाना लक्ष्य है. झारखंड में 198 वृहत, 2577 लघु पेयजल की योजनाएं चल रही हैं. पाइपलाइन का कवरेज बढ़कर 30 प्रतिशत हो चुका है. 70 प्रतिशत लक्ष्य को अगले पांच वर्षों में प्राप्त करना है.

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