हजारीबाग: दहेज नहीं मिलने पर ससुरालवाले न सिर्फ दो बहुओं को सालों तक प्रताड़ित करते रहे, बल्कि उसे भूखे भी रखा. हद तो तब हो गयी, जब बहू को तीन दिनों तक बंद कमरे में भूखे-प्यासे छोड़ दिया. इसकी भनक मिलने पर गांव के मुखिया व ग्रामीणों ने इसकी सूचना बहू के मायकेवालों को दी, जिसके बाद मायकेवाले बेटी के ससुराल पहुंचे और पुलिस के सहयोग से बेटी को आजाद कराया.
घटना केरेडारी प्रखंड के बालेदेवरी गांव की है. दोनों बहू को अस्पताल में भरती कराया गया है. छोटी बहू पूनम की यह स्थिति है कि खाना नहीं मिलने के कारण वह कुपोषित हो गयी और उसका वजन 50 किलो से घट कर महज 20 किलो का रह गया है. उसे गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल में भरती कराया गया है. यह मामला केरेडारी भी पहुंचा है.
क्या है मामला: जानकारी के अनुसार रामवतार दुबे के एक बेटे सिकेश दुबे की शादी सुषमा देवी से आठ साल पहले हुई थी, जबकि गौतम दुबे की शादी पूनम से तीन साल पहले 2014 में हुई थी. दोनों के पति वाहन चालक हैं और दूसरे राज्य में काम करते हैं. दोनों बहू ससुर रामवतार दुबे, सास सरिता देवी व देवर उत्तम दुबे के साथ ही रहती थीं. पीड़ित महिलाओं ने बताया कि सास, ससुर व देवर शुरू से ही दोनों बहूओं के साथ दहेज की खातिर मारपीट करते आ रहे थे. उन्हें खाना पीना नहीं दिया जाता था. यहां तक की मायकेवालों से बात तक नहीं करने दिया जाता था.
बात घर से बाहर न निकले, इसे लेकर दोनों को एक कमरे में बंद कर रखा जाता था. सुषमा के अनुसार जब पूनम भी प्रताड़ित होने लगी, तब वह पूनम का साथ देने लगी. इसके बाद उनका प्रताड़ना और बढ़ गया. दोनों बहुओं की स्थिति की जानकारी मिलने पर मुखिया व ग्रामीणों ने हस्तक्षेप किया और दोनों को अस्पताल में भरती कराने की बात कही, तो इसके लिए भी ससुराल तैयार नहीं थे. अंत में ग्रामीणों को पुलिस का सहारा लेना पड़ा, जिसके बाद मायकेवालों को जानकारी दी गयी. बाद में सभी ने मिल कर दोनों को अस्पताल में भरती कराया.
30 किलो घट गया पूनम का वजन
पूनम के पिता बरही के करियातपुर पिपराघोघर निवासी बासुदेव दुबे ने उन्होंने बेटी की शादी धूमधाम से 2014 में गौतम से करायी थी. इससे आठ वर्ष पूर्व सुषमा की शादी सिकेश दुबे से हुई थी. पिता के अनुसार शादी के वक्त उनकी बेटी का वजन 50 किलो के आसपास था, जो अब महज 20-21 किलो की रह गयी. पिता के अनुसार शिकायत करने के बाद केरेडारी थाना प्रभारी ने रामअवतार दुबे को पकड़ तक थाना लाया था, लेकिन पूछताछ कर उसे छोड़ दिया गया. फिलहाल दोनों महिलाएं सदर अस्पताल में बेड संख्या 19 और 20 पर इलाजरत हैं.