कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के व्यापारियों में भ्रामक और आक्रोश का वातावरण है. व्यापारी बुरी तरह से निराश और हताश हो गये हैं. यदि माल बिक्री करने वाला टैक्स जमा नहीं करता है, तो खरीदने वाले व्यापारी पर कोई जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए. रिवर्स चार्ज का प्रावधान बिल्कुल अप्रासंगिक है.
राजस्व पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, इसलिए इसको समाप्त किया जाए. जीएसटी रिटर्न 100 करोड़ से अधिक की टर्नओवर पर लागू हो, बाकी सब लोग रिटर्न तिमाही भरें. लेकिन टैक्स हर महीने जमा करायें. इ-वे बिल एक लाख से अधिक कीमत की अंतरराज्यीय बिक्री पर ही लागू हो. एचएसएन कोड सिर्फ मैन्यूफैक्चरर पर ही लागू हो और व्यापारियों को इससे मुक्त रखा जाए. जीएसटी पोर्टल के काम न करने और जीएसटी की कोई मॉनिटरिंग व्यवस्था न होने के कारण केवल 100 दिनों में ही जीएसटी बड़े विवाद में आ गया है.