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प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में गड़बड़ी की आशंका, अशोक नगर पर है लोकायुक्त की नजर

रांची: अशोक नगर में प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर लोकायुक्त की नजर है. खास कर झारखंड गठन से लेकर हालिया डील पर. इस संबंध में लोकायुक्त ने सोसाइटी से विस्तृत सूचना मांगी थी. सर्विसेज हाउसिंग को-अॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अशोक नगर रांची बोर्ड के वर्तमान सचिव गोपाल जी के अनुसार वर्तमान अावंटियों सहित पूरी सूचना उपलब्ध करा […]

रांची: अशोक नगर में प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर लोकायुक्त की नजर है. खास कर झारखंड गठन से लेकर हालिया डील पर. इस संबंध में लोकायुक्त ने सोसाइटी से विस्तृत सूचना मांगी थी. सर्विसेज हाउसिंग को-अॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अशोक नगर रांची बोर्ड के वर्तमान सचिव गोपाल जी के अनुसार वर्तमान अावंटियों सहित पूरी सूचना उपलब्ध करा दी गयी है. सूचना क्यों मांगी गयी है, इस पर सचिव ने अनभिज्ञता दिखायी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक नगर के विभिन्न प्लॉट पर बने मकान व कार्यालय खरीदने वालों की ज्ञात अाय पर सवाल उठ सकते हैं. यह कोई मानने को तैयार नहीं कि अशोक नगर की प्रॉपर्टी खासकर जमीन सरकार के सर्किल रेट से बेची जाती होगी, जो सचिव के अनुसार वर्तमान में सिर्फ चार लाख रुपये डिसमिल है. यानी राजधानी के इस पॉश इलाके में प्रॉपर्टी खरीद के मामले अंडर डील से तय होते होंगे. झारखंड बनने के बाद हर वर्ष अौसतन दो डील हुए हैं.
सरकार के कई अधिकारियों ने अशोक नगर को बनाया अपना ठिकाना : गत कुछ वर्षों में झारखंड सरकार के कई अधिकारियों ने अशोक नगर को अपना ठिकाना बनाया है. आइएएस व आइपीएस अधिकारियों के अलावा कुछ अन्य सरकारी कर्मियों ने भी अशोक नगर में मकान खरीदा है.
सरकारी अधिकारियों को ही किया जा सकता है जमीन व मकान का हस्तांतरण
दरअसल सोसाइटी के बाइलॉज के अनुसार अशोक नगर में जमीन व मकान का हस्तांतरण सरकारी अधिकारियों को ही किया जा सकता है. पर कई बिजनेसमैन के भी यहां मकान हैं. सोसाइटी के सूत्रों के अनुसार अपने समय के पावरफुल लोगों ने ही बाइलॉज का उल्लंघन किया है. उन्होंने पावर अॉफ एटॉर्नी देकर अंडर डील के माध्यम से लोगों को अपने मकान दे दिये. एेसे मामले में कागज पर प्लॉट के मालिक अब भी पुराने आवंटी ही हैं.
सौ मकानों का हो रहा है व्यावसायिक इस्तेमाल
अशोक नगर सोसाइटी की अोर से लोकायुक्त को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार अशोक नगर के एक सौ मकानों का व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा है, जो बाइलॉज के प्रावधान का उल्लंघन है. पर सोसाइटी इस मामले में लाचार है. सोसाइटी के सचिव ने कहा कि हमारे हाथ में ऐसे अावंटियों को नोटिस देना तथा उनसे जुर्माना वसूलना है. पर ये लोग अाराम से जुर्माना अदा कर देते हैं. गौरतलब है कि अशोक नगर के कई मकान का किराया 50 हजार व इससे भी अधिक है. कई वेबसाइट भी हैं, जो यहां किराये पर मकान व जगह दिलाने का दावा करते हैं.

कुल 155 एकड़ है इस पॉश इलाके का रकबा
अशोक नगर रांची का पॉश इलाका है. 155 एकड़ में फैला यह रिहायशी इलाका अामलोगों के लिए बड़ी हसरत से निहारने की चीज रही है. यहां रहने वाले सुखी व समृद्ध माने जाते हैं. दरअसल, सरकारी अधिकारियों (खास कर आइएएस) के लिए यह जमीन 1960 में बिहार स्टेट हाउसिंग बोर्ड ने अशोक नगर सोसाइटी को ट्रांसफर की थी. सोसाइटी ने तब इसके लिए 52.50 लाख शुल्क अदा किया था. अशोक नगर में कुल 508 प्लॉट हैं. रकबा के हिसाब से यहां चार तरह (अाठ, 12, 16 व 20 कट्ठा) के प्लॉट हैं. सर्किल रेट से भी 20 कट्ठा के अकेले प्लॉट की कीमत ही करीब 1.20 करोड़ रुपये होती है.

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