बैठक में यह भी चिंता व्यक्त की गयी कि खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा राज्य की 80 प्रतिशत जनता को सस्ते दर पर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को दोपहर में मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है. आंगनबाड़ियों की तरफ से गर्भवती महिलाओं व छह साल तक के शिशुओं को पोषाहार की सुविधा दी जा रही है और इस पर करोड़ों खर्च किये जा रहे हैं.
फिर भी बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और उनकी मौत हो रही है. इसका विश्लेषण हो. बैठक में निर्णय लिया गया कि 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर रांची में खाद्यान्न, भूख व कुपोषण पर सेमिनार होगा. मंत्री श्री राय ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्य आपूर्ति, शिक्षा, समाज कल्याण, जनजातीय कल्याण विभाग आदि के माध्यम से विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला कर कुपोषण को दूर करने का प्रावधान है. सारे प्रावधान को एक छत के नीचे लाकर लागू किया जायेगा.
बैठक में राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष सुधीर प्रसाद, सामाजिक कार्यकर्ता बलराम, बिष्णु राजगढ़िया, अशर्फीनंद प्रसाद, यूनिसेफ की राज्य प्रमुख डा. मधुलिका जोनाथन, राज्य खाद्य आयोग के सदस्य हलधर महतो, डब्ल्यू एचएच प्रतिनिधि सुस्मिता, प्लान इंडिया प्रतिनिधि नवल, एकजूट प्रतिनिधि राजकुमार गोप, अनन्या, अरूपा यूनिसेफ प्रतिनिधि केया चटर्जी सहित अन्य शामिल हुए.