बीएयू कुलपति डॉ पी कौशल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि केवल उत्पादन बढ़ने से किसानों की स्थिति में सुधार नहीं होगा. इसके लिए प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन और विपणन पर विशेष ध्यान देना होगा. समिति के सदस्यों ने तीन समूह में बंट कर चर्चा की. कृषि संबंधी समूह के प्रमुख बीएयू के शोध निदेशक डॉ डीके सिंह, पशुपालन संबंधी समूह के प्रमुख अपर अनुसंधान निदेशक डॉ सुशील प्रसाद तथा सहकारिता संबंधी समूह के प्रधान झारखंड लघु वन उत्पाद विकास एवं विपणन महासंघ (झामकोफेड) के प्रबंध निदेशक सुरेंद्र सिंह हैं.
समिति ने कृषि योजना एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए नयी प्रौद्योगिकी, उन्नत फसल प्रभेदों, पशु-पक्षी की लाभकारी नस्लों, मौसम परिवर्तन, फसल विविधीकरण, डेयरी, मत्स्यपालन, मुर्गीपालन, मशरूम, मधुमक्खी पालन, लाह उत्पादन, कृषि वानिकी, चरागाह आदि विविध पहलुओं पर विचार किया. दूध, मांस एवं अंडा उत्पादन में राज्य की प्रगति पर भी चर्चा की गयी.