!!विवेक चंद्र!!
रांची : गढ़वा में बालू घाट के ठेकेदार और ग्रामीणों के बीच हुए विवाद और फायरिंग में तीन लोगों की मौत मामले में असिस्टेंट माइनिंग अफसर (एएमओ) को दोषी माना गया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एएमओ काे निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया है. उन्होंने उप निदेशक से स्पष्टीकरण पूछते हुए अग्रेतर कार्यवाही करने के लिए कहा है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गढ़वा के एसपी को संबंधित थाने के अफसर इंचार्ज पर भी कार्रवाई का आदेश दिया है.
प्रमंडलीय आयुक्त ने की थी जांच: गोलीकांड के बाद राज्य सरकार ने पलामू प्रमंडल के आयुक्त को जांच का आदेश दिया था. आयुक्त ने जांच रिपोर्ट में घटना के लिए अधिकारियों की कोताही को जिम्मेवार बताया. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करने में शिथिलता बरती. घटना के बाद भी अफसरों की कार्यशैली संतोषजनक नहीं थी. आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में गढ़वा के एएमओ, उप निदेशक, खनन और संबंधित थाना प्रभारी को दोषी बताते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
ठेकेदार डिबार घोषित
भवन निर्माण विभाग ने गलत प्रमाण पत्र देकर भुगतान लेने वाले ठेकेदार एके तिवारी को डिबार कर दिया है. इस ठेकेदार को गढ़वा में गोविंदपुर उच्च विद्यालय के भवन निर्माण का काम दिया गया था. विभाग ने पाया कि योजना में अनावश्यक लाभ के लिए ठेकेदार ने गलत प्रमाण पत्र दिया है.
क्या है मामला
मई में गढ़वा के विशुनपुरा थाना क्षेत्र के जतपुरा गांव के पास बांकी नदी के पिपरी घाट पर बालू उठाव का विरोध कर रहे ग्रामीणों के साथ ठेकेदार के लोगों का विवाद हुआ था. ठेकेदार के लोगों ने गोली चला दी. इससे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी थी. मृतकों में जतपुरा गांव निवासी उदय प्रसाद यादव और उनके दो पुत्र शामिल थे. हत्या के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने दो मुंशी की हत्या कर दी थी. ठेकेदार के दो पोकलेन, एक बोलेरो, 12 ट्रक और एक मोटरसाइकिल को भी आग के हवाले कर दिया था.
ठेकेदार को काली सूची में डालने का आदेश
भवन निर्माण सचिव केके सोन ने जमशेदपुर बंदोबस्त कार्यालय का काम नहीं करनेवाले ठेकेदार को काली सूची में डालने का आदेश दिया है. इसके साथ ही इस योजना के शेष कार्य को फिर से टेंडर करके पूरा कराने का फैसला लिया गया है. इस तरह अब शेष काम का इस्टीमेट बनाया जायेगा और टेंडर जारी किया जायेगा. जानकारी के मुताबिक बंदोबस्त कार्यालय का काम तीन माह से बंद है. पहले विभाग ने उसे इसके लिए डिबार किया, लेकिन अब इसकी समीक्षा करने के बाद सचिव ने तत्काल उसे काली सूची में डालने का निर्देश दिया है.