विवेक चंद्र
रांची : गढ़वा में बालू घाट के ठेकेदार और ग्रामीणों के बीच हुए विवाद और फायरिंग में तीन लोगों की मौत मामले में असिस्टेंट माइनिंग अफसर (एएमओ) को दोषी माना गया है. मुख्यमंत्री ने एएमओ काे निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया है. उन्होंने उप निदेशक से स्पष्टीकरण पूछते हुए अग्रेतर कार्यवाही करने के लिए कहा है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गढ़वा के एसपी को संबंधित थाने के अफसर इंचार्ज पर भी कार्रवाई का आदेश दिया है.
गढ़वा बालू घाट गोलीकांड के बाद राज्य सरकार ने पलामू प्रमंडल के आयुक्त को जांच का आदेश दिया था. आयुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट में घटना के लिए अधिकारियों की कोताही को जिम्मेवार बताया. रिपोर्ट में कहा गया है कि बालू घाट पर ठेकेदार और ग्रामीणों के बीच तनाव होने के बावजूद अधिकारियों ने अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करने में शिथिलता बरती.
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घटना के बाद भी अफसरों की कार्यशैली संतोषजनक नहीं थी. आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में गढ़वा के एएमओ, उप निदेशक, खनन और संबंधित थाना प्रभारी को दोषी बताते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
ज्ञात हो कि मई में गढ़वा के विशुनपुरा थाना क्षेत्र के जतपुरा गांव के पास बांकी नदी के पिपरी घाट पर बालू उठाव का विरोध कर रहे ग्रामीणों के साथ ठेकेदार के लोगों का विवाद बढ़ गया था. ठेकेदार के लोगों ने गोली चला दी. इससे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी थी. मृतकों में जतपुरा गांव निवासी उदय प्रसाद यादव और उनके दो पुत्र शामिल थे.
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हत्या के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने दो मुंशी की हत्या कर दी थी. ठेकेदार के दो पोकलेन, एक बोलेरो, 12 ट्रक और एक मोटरसाइकिल को भी आग के हवाले कर दिया था.