चतरा निवासी व सीसीएल बचरा में कार्यरत बासमती देवी के पुत्र की मृत्यु हो गयी थी़ उनके स्थान पर बासमती की बहू मायावती देवी को अनुकंपा पर सरकारी नौकरी मिली थी़ नौकरी मिलने के बाद बहू ने ससुराल वालों को छोड़ दिया और वह सास को गुजारा भत्ता भी नहीं दे रही थी़ .
सास के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी़ परेशान होकर बासमती देवी ने सात साल पहले फैमिली कोर्ट में केस कर दिया़. इतने दिनों तक केस में कोई फैसला नहीं होने की वजह से आवेदिका बासमती देवी व मायावती देवी दोनों परेशान हो रहे थे़ अधिवक्ता व मध्यस्थ मधुसूदन गांगुली ने मामले को मध्यस्थता केंद्र में लाया और मामले में सुलह हो गयी.