रांची : चेंबर ने डीआरएम को पत्र भेज कर रांची डिवीजन में चल रही ट्रेनों में सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है. चेंबर अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने पत्र के माध्यम से बताया है कि ट्रेनों के रख-रखाव, यात्री सुविधा एवं सुरक्षा के प्रति रेलवे गंभीर नजर नहीं आ रही है. अन्य ट्रेनों की बात तो दूर रेलवे बोर्ड की सीधी निगरानी में चल रही राजधानी एक्सप्रेस की हालत भी ठीक नहीं है.
रेलवे को पर्याप्त राजस्व देनेवाले रांची मंडल की राजधानी एक्सप्रेस की कई बोगियों की खिड़कियां टूटी हुई हैं. बरसात के समय बोगियों में पानी टपकने लगता है. इसके अलावा बर्थ की सीट व शौचालय की हालत भी अच्छी नहीं है. रांची-आनंद बिहार के बीच चलने वाली स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस के एसी कोच में एसी की समस्या भी अाम है. जोन में चलनेवाली अधिक ट्रेनों की बोगियों की स्थिति भी अच्छी नहीं है. यह भी कहा गया कि धनबाद–चंद्रपुरा रेलवे लाईन बंद करने के बाद कई ट्रेनों को अब तक परिवर्तित मार्ग से आरंभ नहीं किया गया है. इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. वर्तमान में जयनगर एक्सप्रेस, भागलपुर एक्सप्रेस, हावड़ा भोपाल एक्सप्रेस व दरभंगा सिंकदराबाद एक्सप्रेस को जल्द आरंभ करने की आवश्यकता है. टीम ने डीआरएम से आग्रह किया है कि मंत्रालय से सामंजस्य बनाकर त्वरित कार्रवाई की जाये.
रायपुर–भुवनेश्वर हवाई सेवा आरंभ हो
चेंबर ने रायपुर–भुवनेश्वर के लिए बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से हवाई सेवा जल्द शुरू करने की मांग की है. सिविल एविएशन समिति के दिनेश प्रसाद साहू ने एयरपोर्ट निदेशक को पत्र भेज कर कहा है कि भुवनेश्वर, रायपुर और वाराणसी जैसे शहरों के बीच नियमित विमान सेवा उपलब्ध करायी जाये. क्योंकि पूर्व में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से भुवनेश्वर व लखनऊ की विमान सेवा उपलब्ध थी, जिसे पुन: आरंभ किया जाये. भुवनेश्वर में कई बड़े उद्योग स्थापित हैं, जहां व्यापारियों का आना-जाना लगा रहता है. एजुकेशनल हब भी है. वाराणसी के लिए सीधी विमान सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को कठिनाई होती है. रांची एयरपोर्ट से रायपुर, हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद के लिए भी हवाई सेवा चालू की जाये.
बालू उठाव के मामले पर फैसला स्वागत योग्य
बालू उठाव और परिवहन (माइनिंग और ट्रांसपोर्टिंग) की जांच पुलिस द्वारा नहीं किये जाने के राज्य सरकार के फैसले का चेंबर ने स्वागत किया है. श्री अग्रवाल ने कहा कि बालू उठाव में भ्रष्टाचार की संख्या में वृद्धि हो गयी थी. सरकार के निर्णय से बालू की कमी को दूर करने में सफलता मिलेगी.