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राज्य में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं की हो रही है उपेक्षा
रांची : जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने उनसे कहा कि आदिवासी बहुल राज्य होने के बावजूद झारखंड में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की पूर्ण उपेक्षा हुई है. राज्यपाल से कहा गया कि सभी नौ जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के अलग-अलग […]
रांची : जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने उनसे कहा कि आदिवासी बहुल राज्य होने के बावजूद झारखंड में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की पूर्ण उपेक्षा हुई है.
राज्यपाल से कहा गया कि सभी नौ जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के अलग-अलग स्वतंत्र विभागों की स्थापना व संचालन के लिए बुनियादी संसाधन उपलब्ध कराया जाये. वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की सेवा अवधि लगभग पांच-छह वर्ष ही बची है़ यदि तत्काल व्याख्याताओं की नियुक्ति नहीं की गयी, तो आनेवाले समय में इन भाषाओं का पठन-पाठन स्वत: समाप्त हो जायेगा़ वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की सेवा अवधि लगभग 30 वर्षों की हो चुकी है, बावजूद इसके उन्हें प्रोन्नति नहीं दी गयी है़ सृजित पदों के विरुद्ध विशेष प्रावधान के तहत तत्काल नियुक्ति हो व अतिरिक्त पदों का सृजन शीघ्र किया जाये़ साथ ही जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण-संवर्द्धन के लिए झारखंडी भाषा परिषद व झारखंडी साहित्य अकादमी का गठन किया जाये़ झारखंडी भाषाओं व झारखंड के अमूल्य धरोहरों के संरक्षण के लिए संग्रहालय व भाषा प्रयोगशाला की स्थापना की जाये़ इन समस्याओं के समाधान के लिए राजभवन में विवि के पदाधिकारी, राज्य सरकार के शिक्षा पदाधिकारी व जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के शिक्षकों की बैठक करायी जाये़ प्रतिनिधिमंडल में विभागाध्यक्ष डॉ त्रिवेणी नाथ साहू, डॉ हरि उरांव, महेश भगत, डुमनी माई मुर्मू, डॉ सरस्वती गागराई, डॉ अजीत मुंडा, चंद्र किशोर केरकेट्टा, डॉ अशोक कुमार महतो, डॉ सविता कुमारी मुंडा व शशि विनय भगत शामिल थे़
कहा : फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई, दोषियों को मिले सजा
रांची. गढ़वा जिला के विशुनपुरा प्रखंड के जतपुरा में बालू घाट के अवैध उत्खनन का विरोध करने के क्रम मेें मारे गये ग्रामीण के परिजन शुक्रवार को राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मिले़ झाविमो महिला मोरचा की अध्यक्ष शोभा यादव के नेतृत्व में गये परिजन ने राज्यपाल को अपनी पीड़ा बतायी़ राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में बताया गया कि उदय यादव, निरंजन और विमलेश यादव की हत्या बालू माफिया धर्मवीर सिंह के लोगों ने कर दी़ मृतक उदय यादव की पत्नी इंद्रावती देवी ने राज्यपाल को बताया कि परिवार के तीन-तीन कामकाजी सदस्यों की हत्या हो गयी है़ दो पुत्रवधू विधवा हो गयी़ उनके बच्चे दाने-दाने के लिए मोहताज हो गये है़ं
राज्यपाल से आग्रह किया गया कि पूरे मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो और दोषी व्यक्तियों को सजा मिले़ पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा मिले़ सरकार विधवा बहुओं को सरकारी नौकरी दे़ इधर, झाविमो नेता शोभा यादव ने कहा है कि सरकार तत्काल मृतकों के परिजन को राहत दे़ राज्यपाल से मिलने बिंदू देवी, रेखा देवी, विजय यादव, चिंटू यादव, संतोष यादव पहुंचे थे़
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