दरअसल विभाग अपने आवासीय विद्यालयों को मुख्य धारा के बेहतर निजी स्कूलों के समकक्ष लाने को तत्पर है. पहले चरण में 16 स्कूलों के बाद अन्य स्कूलों को भी इसी तर्ज पर विकसित किया जा सकता है. नयी योजना आवासीय विद्यालयों में लगातार किये गये सुधार की अगली तथा महत्वपूर्ण कड़ी है. मॉडल स्कूल की तरह विकसित किये जाने के लिए तीन तरह के कार्य होंगे.
पहला, अगले छह माह के दौरान एक-एक स्कूल में चहारदीवारी, अतिरिक्त कक्षाएं, भवनों की मरम्मत तथा रंग-रोगन सहित अन्य जरूरी सिविल कार्यों की सूची बना कर इसे प्राथमिकता के तौर पर निबटाया जायेगा. सभी 16 स्कूलों में किये जाने वाले कार्य तथा इस पर होने वाले खर्च का आकलन कर लिया गया है. दूसरा, पठन-पाठन की हर सुविधा व संरचना उपलब्ध करायी जायेगी. इसमें छात्रावास में रहने-खाने तथा स्कूल में पढ़ने संबंधी सभी बुनियादी जरूरतें शामिल है. तीसरा काम मैनपावर की कमी को पूरा करना है. इसके तहत अगले सात माह के दौरान शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की बहाली की
- सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम लागू करना
- सभी एकलव्य व आश्रम विद्यालयों को सीबीएसइ से संबद्धता के लिए पत्र निर्गत
- 10वीं व 12वीं में अच्छे प्राप्तांक वाले बच्चों के लिए कल्याण सम्मान समारोह
- स्कूलों की चहारदीवारी, भवन मरम्मत व अन्य कार्य के लिए सूची मंगायी
- शिक्षक नियुक्ति की नियमावली बनी, 500 से अधिक शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू
- खान-पान, पठन सामग्री व अन्य सुविधाओं के लिए दोगुनी राशि का प्रावधान
- जिन विद्यालयों में आवास है, वहां प्राचार्य व शिक्षकों को रहने की बाध्यता तय