सभी परियोजनाओं का कार्यान्वयन पीपीपी मोड पर भारत सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप किया जायेगा. इसके अलावा समिति ने 52.97 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिम सिंहभूम के तोरलो जलाशय योजना के पुनरुद्धार, 15.21 करोड़ की लागत से देवघर के बुढ़ई जलाशय योेजना के निर्माण, पलामू के कररवार सिंचाई योजना के जीर्णोद्धार के लिए 29.62 करोड़, गुरुकुल के माध्यम से कौशल विकास के लिए 20.23 करोड़, कोल्हान व पलामू प्रमंडल में एक-एक राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की स्थापना के लिए 8.65 करोड़, राजकोषीय अध्ययन संस्थान के कार्यान्वयन के लिए दो करोड़ और दुमका के गोपीकांदर में 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण के लिए 5.19 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृत किया गया.
समिति ने गढ़वा में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 30.43 करोड़, चतरा में 30.41 करोड़, चाईबासा में 32.32 करोड़ व जामताड़ा में 33.33 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी प्रदान की. यह राशि अगले 20 वर्षों में उपलब्ध करायी जायेगी. इसके अलावा समिति ने विश्व बैंक संपोषित नमामि गंगे योजना के तहत म्यूनिसिपल वेस्ट वाटर परियोजना राजमहल की 50.59 करोड़ की योजना की भी प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है.