-गोविंदा रूल है इनका फॉर्मूला-
रांचीः मैं चाहे ये करूं मैं चाहे वो करूं मेरी मर्जी. यह एक फॉर्मूला है, और इसका नाम है गोविंदा रूल. इसके जरिये जोड़-घटाव, गुणा-भाग जैसी क्रिया आसानी से की जा सकती है. मजेदार फॉर्मूला के माध्यम से बच्चों के लिए 28 हजार कार्यशाला को संबोधित कर चुके हैं. शिवनाथ बिहारी 34 सालों से बच्चों के बीच मैथ को रोचक बनाने का काम कर रहे हैं. अभी तक वह देश में 28000 कार्यशालाओं को संबोधित कर चुके हैं. झारखंड में छोटे बड़े 200 स्कूलों के 70 हजार बच्चों को गणित के टिप्स बता चुके हैं. इस काम के लिए उन्हें 1996 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा के हाथों सम्मान भी मिल चुका है.
मैथ का डर भगाना उद्देश्य
बिहार के मधुबनी जिले के रहनेवाले शिवनाथ बिहारी अंग्रेजी से स्नातक हैं. 46 वर्षीय शिवनाथ ने न तो नौकरी के लिए आवेदन दिया और न ही शिक्षक बनना चाहा. अपने प्रांरभिक जीवन में संसाधन और मार्गदर्शन के अभाव में वे ऐसा कुछ नहीं कर पाये. उनका मानना है कि बच्चे बेवजह गणित से डरते हैं. आसान व रोचक तरीके से उनको गणित हल करना सिखाना ही उनका उद्देश्य है. गणित में पारंगत कर वे बच्चों के दिल से मैथ का डर दूर भगाना चाहते हैं.
शिवनाथ के फंडे
गणित को मजेदार बनाने के लिए गोविंदा रूल के तहत जोड़, घटाव, गुणा या भाग में किसी भी क्रिया को किसी अन्य क्रिया से हल किया जा सकता है. उदाहरण- किसी भी संख्या को करना हो गुणा पांच, फौरन कीजिये हाफ, हो जायेगा उसका बाप अपने-आप पांच से गुणा. 48 गुणो पांच 240 होगा. 48 का आधा 24 हुआ, जिसपर 0 लगाने से 240 होगा. अगर संख्या विषम हुई तो उसे दशमलव पर कीजिये हाफ, फिर दशमलव को कीजिये साफ. मतलब अगर किसी भी विषम संख्या को पांच से गुणा करना हो तो पहले संख्या को दशमलव पर हाफ कर उस संख्या में से दशमलव को हटा दें. जैसे 37 गुणो पांच 185 होता है. 37 का आधा 18.5 होगा. इसमें से दशमलव हटाने पर 185 होगा.
घंटों का काम सेकेंड में
इसके अंतर्गत बड़ी से बड़ी संख्या की गणना मुंह जुबानी करना संभव है. वहीं पहाड़े भुलने वाले बच्चों के लिए दो मिनट में सौ तक के पहाड़े तुरंत लिखा जा सकता है.
25 पुस्तकें लिख चुके हैं
शिवनाथ ने 25 पुस्तकें लिखी हैं. इनमें से आठ पुस्तक गणित विषय पर है. इसके अलावा हिन्दी व्याकरण, अंग्रेजी ग्रामर के साथ परीक्षा की तैयारी और टाइम मैनेजमेंट इन एग्जाम आदि विषयों पर उनकी पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं.