आइटीआइ बस स्टैंड के समीप हर दिन एेसा ही नजारा देखने को मिलता है. सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लाइन लगी रहती है, जिसमें गाड़ियां धीरे-धीरे सरकती रहती हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छोटे वाहन चालकों को हो रही है. इलाके के लोग बताते हैं कि आइटीआइ बस स्टैंड से हर दिन 300 से ज्यादा बसें निकलती हैं. इसके बावजूद यहां ट्रैफिक संभालने के लिए यातायात विभाग की ओर से काेई इंतजाम नहीं किया गया है. किसी वीआइपी के वहां से गुजरने की सूचना पर दो ट्रैफिक पुलिसकर्मी तत्काल पहुंच जाते हैं, फिर गायब हो जाते हैं.
स्टैंड होने के नाते सबसे पहले रास्ता बड़ी बसों को मिलता है. इन यात्री बसों के पार करने के बाद ही किसी दूसरी गाड़ियों को घुसने दिया जाता है. इसके बाद सिटी बसों की यहां चलती है. सिटी बसें स्टैंड के पास ही आकर सड़क पर लगा दी जाती हैं. जब तक वे यात्री नहीं बैठा लेते हैं, गाड़ी हटाते नहीं है. पीछे लंबी लाइन लग जाती है. इन सबके बीच आम राहगीर पिस रहे हैं.