झारखंड की जीवनरेखा समझी जाने वाली नदी स्वर्णरेखा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रोमो रिलीज हुआ है. "स्वर्णरेखा : ए रिवर बियॉंड रिवर" के नाम से बनी यह फिल्म इस नदी के किनारे विकसित लोकजीवन को तलाशने की कोशिश करती है. एक नदी किस तरह से एक समाज को गढ़ती है, वहां पनपने वाले रीति रिवाज, जीवन यापन के तरीके और प्रकृति के साथ बनने वाले रिश्ते की बारीक कड़ियों को उम्दा तरीके से जोड़ती है, यह फिल्म देखकर यहां के जीवन को आप बेहतर तरीके से समझ पायेंगे.
जानें कौन हैं रूपक राग
युवा और जुझारू पत्रकार रूपक राग में कुछ अलग करने की चाहत हमेशा से रही है. पत्रकारिता से इतर, खाली बचे समय को वह रचनात्मक कामों में लगाते हैं. कुछ अलग करने की बेचैनी स्वर्णरेखा नदी पर डॉक्यूमेंट्री बनाने का आइडिया उनके मन में लायी. इस यात्रा में उन्हें युवा पत्रकार कनक राज और दिव्या गौतम का भी साथ मिला.
छोटे शहरों में रह कर और सीमित संसाधनों में कुछ रचनात्मक काम करना आसान नहीं होता, लेकिन इन कहानियों के पीछे कुछ अंदरूनी ताकतें होती हैं, जो आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं.