उन्होंने कहा कि बालू की कालाबाजारी हो रही है. इसके लिए जिम्मेवार हमें माना जा रहा है. जबकि हकीकत कुछ और है. रांची में 32 घाट हैं. इनमें से एक बालू घाट को स्टॉक का लाइसेंस दिया गया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिल कर सारी बातों से अवगत कराया जायेगा. एसोसिएशन की मांग है कि बालू को मुफ्त किया जाये और इसे ग्रामीणों को दिया जाये. इससे सरकार को राजस्व कम आता है. लेकिन माफियाओं को हजारों करोड़ों रुपये का मुनाफा होता है.
माफिया तंत्र गांव के रोजगार को छीन कर सारे बालू की निकासी मशीन से करवाते हैं. पूर्व की तरह हो कीमत : उन्होंने कहा कि खनन विभाग बालू की कीमत को पूर्व की तरह कराये. साथ ही कंपनी के स्टाॅक की उच्चस्तरीय जांच करायी जाये. वरना एसोसिएशन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. मौके पर उपाध्यक्ष राजेश रंजन, शौकत अली खान, रूपेश महतो, बिनोद पांडेय, रामकुमार पांडेय, चितरंजन प्रसाद सिंह, बेनी, सोहेल आदि उपस्थित थे.