रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को बिजली विभाग के सहायक अभियंता के स्थानांतरण आदेश को रद्द करने को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. बिजली बोर्ड की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जतायी. अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि किसी अधिकारी का स्थानांतरण करना सरकार का अधिकार है, इसमें अदालत हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है.
लेकिन बिना कारण के तबादला करने पर अदालत अपनी आंखें नहीं मूंद सकती है. ऐसा क्या आफत आ गयी कि दो दिन में ही सहायक अभियंता का स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया गया.
17 जनवरी 2017 को गुमला से रातू रोड अवर प्रमंडल रांची में स्थानांतरण किया गया आैर 19 जनवरी को स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया गया. वह भी बिना कारण बताये. अदालत ने यह भी कहा कि रांची के तत्कालीन एसडीअो के स्थानांतरण जैसा तो मामला नहीं है. उनका भी तबादला किया गया, लेकिन कारण नहीं बताया गया. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा ने पक्ष रखते हुए कहा कि बोर्ड ने गलत मंशा से स्थानांतरण आदेश रद्द किया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सहायक अभियंता जेएनके सिंह ने याचिका दायर की है. उन्होंने याचिका में कहा कि 17 जनवरी 2017 को उनका तबादला गुमला से रांची किया गया. दो दिन बाद 19 जनवरी को तबादला आदेश रद्द कर दिया गया. उन्होंने आदेश रद्द करने को चुनाैती दी है.