मनोहरपुर/आनंदपुर: प्रतिबंधित पीएलएफआइ के आकाश दस्ता ने सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे आनंदपुर थानांतर्गत गोइराबेड़ा के डिपाटोली में पूर्व एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) और झामुमो कार्यकर्ता नेलन तोपनो (50) की गोली मार कर हत्या कर दी. नेलन के पीठ व सिर में गोली मारी गयी है. एसपी अनीश गुप्ता समेत स्थानीय विधायक जोबा मांझी ने मंगलवार को आनंदपुर थाना पहुंच कर पुलिस व परिजनों से घटना की जानकारी ली. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है. संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है.
लेवी को लेकर घटना की आशंका
नेलन तोपनो विधायक निधि से स्वीकृत एक हजार फीट पीसीसी सड़क का निर्माण करा रहा था. डिपाटोली से मध्य विद्यालय गोइराबेड़ा तक पीसीसी का निर्माण कार्य 21 जून से शुरू कराया था. नौ जुलाई को काम बंद कर दिया था. जानकारी के अनुसार 400 फीट पीसीसी सड़क का काम बाकी है. आशंका है कि ठेकेदारी में लेवी को लेकर किसी विवाद में इस कारण घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस के मुताबिक सोमवार रात आठ बजे झामुमो कार्यकर्ता नेलन तोपनो आनंदपुर से अपने घर गोइराबेड़ा जा रहा था. यहां घात लगा कर बैठे पीएलएफआइ उग्रवादियों ने उसका पीछा किया. नेलन के घर से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले गोइराबेड़ा के कुलुगुटु (आनंदपुर रोबोकेरा मुख्य सड़क) में पीछे से पीठ पर गोली मार दी. गोली लगने से नेलन बाइक से गिर गया. इसके बाद नेलन के सिर में गोली मारी गयी.
उग्रवादियों के निशाने पर थे नेलन : पूर्व एसपीओ सह झामुमो कार्यकर्ता नेलन तोपनो पिछले पंचायत चुनाव से पीएलएफआइ के निशाने पर थे. पुलिस के अनुसार उनके ऊपर दो बार हमला होने की गुप्त जानकारी पुलिस को पूर्व में मिली थी. इसके कारण पुलिस ने नेलन को संरक्षण भी दिया था. पंचायत चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करने को लेकर पीएलएफआइ ने उन्हें अल्टीमेटम दिया था. चुनाव प्रचार करने पर धमकी दी थी. पुलिस के मुताबिक नेलन पिछले जनवरी तक एसपीओ के रूप में कार्यरत थे.
नक्सलियों ने मुखबिर बता एघारा गांव से अगवा कर युवक को मार डाला
चतरा. प्रतापपुर थाना क्षेत्र के एघारा गांव निवासी राजेश साव (33) की हत्या माओवादियों ने सोमवार की रात मुखबिरी के आरोप में कर दी. उसका शव झारखंड-बिहार की सीमा पर स्थित फुलवरिया गांव के समीप मिला. गया के कोठी थाना की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए गया भेज िदया. रविवार की शाम राजेश दूध पहुंचाने प्रतापपुर थाना गया था. जब वह दूध पहुंचाकर बाइक से अपने गांव एघारा लौट रहा था, तो रास्ते में माओवादियों ने उसका अपहरण कर लिया था. अपहरण के 24 घंटे के बाद उसकी हत्या कर दी. हत्या से गांव दहशत में हैं.