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83 हाइस्कूल व 14 इंटर कॉलेज को मान्यता समाप्त करने का नोटिस

रांची: मान्यता की शर्तों को पूरा नहीं करनेवाले स्कूल-कॉलेजों की मान्यता समाप्त की जायेगी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. मान्यता की शर्तों को पूरा नहीं करनेवाले 83 हाइस्कूल व 14 इंटर कॉलेज को नोटिस जारी किया गया है. इन स्कूल-कॉलेजों से अपना पक्ष रखने को कहा गया है. इन स्कूल-कॉलेजों […]

रांची: मान्यता की शर्तों को पूरा नहीं करनेवाले स्कूल-कॉलेजों की मान्यता समाप्त की जायेगी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. मान्यता की शर्तों को पूरा नहीं करनेवाले 83 हाइस्कूल व 14 इंटर कॉलेज को नोटिस जारी किया गया है. इन स्कूल-कॉलेजों से अपना पक्ष रखने को कहा गया है. इन स्कूल-कॉलेजों से जवाब प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. इस आशय का निर्णय गुरुवार को हुई झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड की बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता जैक के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने की.
इस अवसर पर सात हाइस्कूल दो इंटर कॉलेज को स्थापना अनुमति तथा नौ हाइस्कूल व तीन इंटर कॉलेज को प्रस्वीकृति देने को स्वीकृति दी गयी. मान्यता का प्रस्ताव अब स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भेजा जायेगा. बैठक में मैट्रिक-इंटर परीक्षा 2017 के टाॅपरों की उत्तरपुस्तिका की स्क्रूटनी कराने को भी स्वीकृति दी गयी. बोर्ड ने नेतरहाट आवासीय विद्यालय व इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय की तर्ज पर दुमका, चाईबासा व खूंटी में खुले विद्यालय में नामांकन प्रवेश परीक्षा लेने की नियमावली को भी स्वीकृति दी. बैठक में 16 अराजकीय व एक राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय जिसे एनसीटीइ से मान्यता प्राप्त है, उन कॉलेजों को परीक्षा को लेकर संबद्धता दी गयी. इसके अलावा चार कॉलेजों में सीट बढ़ोतरी को भी बोर्ड से स्वीकृति दी गयी. बैठक में विधायक सह बोर्ड के सदस्य स्टीफन मरांडी, अनंत ओझा, नवीन जायसवाल बोर्ड के सदस्य यमुना गिरि, डॉ दीपचंद राम कश्यप, डॉ पुष्कर बाला, हरविंदर बीर सिंह, एसके मिश्रा, जैक के सचिव रजनीकांत वर्मा समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे.
पारिश्रमिक बढ़ाने का मामला वित्त समिति को
बैठक में मैट्रिक-इंटर के परीक्षकों के मूल्यांकन पारिश्रमिक में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर विचार किया गया. जैक बोर्ड के सदस्य यमुना गिरि ने इस बात का विरोध किया कि बिना वित्त समिति की स्वीकृति के मूल्यांकन पारिश्रमिक में बढ़ोतरी का निर्णय कैसे लिया जा सकता है. परीक्षा समिति की अनुशंसा के आधार पर ही इसमें बढ़ोतरी नहीं की जा सकती. इसके बाद कुछ और सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया. जिसके बाद निर्णय लिया गया कि परीक्षकों के ठहराव भत्ता, परिवहन भत्ता में बढ़ोतरी पर भी विचार किया जाये. इसके साथ मूल्यांकन पारिश्रमिक में बढ़ोतरी का प्रस्ताव फिर से बाेर्ड की बैठक में रखा जाये. अब इन सभी मामलों पर पहले वित्त समिति की बैठक में विचार किया जायेगा. इस कारण मूल्यांकन पारिश्रमिक में बढ़ोतरी पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया. उल्लेखनीय है कि कमेटी ने परीक्षकों के मूल्यांकन पारिश्रमिक में चार रुपये की बढ़ोतरी की अनुशंसा की थी.

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