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सत्ता का रुख: संशोधन के मुद्दे पर मंत्रियों, भाजपा विधायकों और वरीय नेताओं ने कहा, मामला गंभीर, सरकार के अंदर होगी बात

राज्यपाल ने विभिन्न संगठनों द्वारा सौंपी गयी 192 आपत्तियों के साथ सीएनटी-एसपीटी संशोधन बिल सरकार को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया है़ राज्य के कैबिनेट मंत्रियों को भी इसकी जानकारी नहीं थी़ मीडिया के माध्यम से ही मंत्रियों को इस फैसले की जानकारी मिली़ राज्यपाल के फैसले के बाद सत्ता पक्ष में राजनीतिक सरगरमी […]

राज्यपाल ने विभिन्न संगठनों द्वारा सौंपी गयी 192 आपत्तियों के साथ सीएनटी-एसपीटी संशोधन बिल सरकार को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया है़ राज्य के कैबिनेट मंत्रियों को भी इसकी जानकारी नहीं थी़ मीडिया के माध्यम से ही मंत्रियों को इस फैसले की जानकारी मिली़ राज्यपाल के फैसले के बाद सत्ता पक्ष में राजनीतिक सरगरमी है़ आजसू नेता व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने ऐसे किसी संशोधन का विरोध किया है. वहीं दूसरे मंत्रियों ने सरकार के अंदर विचार-विमर्श करने की बात कही है़ कड़िया मुंडा खुल कर संशोधन के विरोध में आ गये हैं.
संवेदनशील मुद्दा है, सरकार और संगठन में बात हो : सरयू राय
खाद्य-आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है कि सीएनटी-एसपीटी संवेदनशील मुद्दा है़ इस पर गहराई से विचार मंथन होना चाहिए़ सरकार और संगठन दोनों ही जगह इस पर चर्चा होनी चाहिए़ श्री राय अहमदाबाद से फोन पर प्रभात खबर से बात कर रहे थे़ उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर राय बनाना या बताना दोनों ही मामले में गहराई से सोचने की जरूरत है़ यह पूछने पर कि राज्यपाल ने 192 ज्ञापन के आलोक में सरकार से विचार करने को कहा है, क्या सरकार इस विचार करेगी? मंत्री श्री राय ने कहा कि राज्यपाल की ओर से आपत्ति आयी है, तो इस पर जरूर विचार होना चाहिए़ किस तरह की आपत्तियां आयी है, उस पर मंथन होना चाहिए़ सभी पक्षों को ध्यान में ही रख कर फैसला करना चाहिए़
कड़िया मुंडा बोले : फिर से बिल आया तो अपने विधायक भी चुप नहीं रहेंगे
भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद कड़िया मुंडा ने कहा है कि वह शुरू से सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर सवाल उठाते रहे है़ं संशोधन हित में नहीं है, बताता रहा हू़ं श्री मुंडा ने दिल्ली से प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि सरकार ने संशोधन का बिल दोबारा लाने का फैसला किया, तो विधानसभा में ले जाना होगा़ पिछली बार विधानसभा अपने विधायकों ने कुछ नहीं बोला था़ पर इस बार अपने विधायक भी बोलेंगे़ उन्होंने कहा कि हाल में दिल्ली के बड़े नेता झारखंड आये थे़ मैं उस मीटिंग में नहीं था, लेकिन विधायकों ने मुझे बताया कि उन्होंने खुल कर अपनी बातें रखी़ं मुझे जानकारी है कि सांसद से लेकर विधायकों ने इस पर सवाल उठाया था़ सत्ता पक्ष के लोग भी विरोध कर रहे थे़ सरकार को क्या सलाह देंगे, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि सलाह अपने मन से नहीं दी जाती.
अभी मीडिया से मिली है जानकारी दस्तावेज देख कर कहेंगे : नीलकंठ
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी विधेयक पुनर्विचार के लिए लौटने की जानकारी उन्हें मीडिया से ही मिली है. उन्होंने कहा कि मैं अभी अहमदाबाद में ट्रेनिंग में हैं. ऐसे में इस पर हमलोग विचार भी नहीं कर सके हैं. लौटने के बाद सही स्थिति पता की जायेगी कि सही में विधेयक लौटा है या नहीं. इसके बाद कुछ बता सकेंगे.
मेरी पार्टी शुरू से संशोधन का विरोध कर रही है : चंद्रप्रकाश
राज्य के जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी (आजसू) ने पूर्व में ही संशोधन प्रस्ताव का विरोध किया था. पार्टी ने लगातार इसके खिलाफ आंदोलन भी चलाया है. राज्यपाल ने बिल वापस कर दिया है, तो अब सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद से लौटकर वह पार्टी में इस मुद्दे पर विचार करेंगे. पार्टी का आगे जो रूख होगा वह स्पष्ट कर दिया जायेगा.
बिल क्यों वापस हुआ, सरकार के अंदर मंथन करेंगे : सीपी सिंह
राज्य के नगर विकास, आवास एवं परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि राज्यपाल ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन का बिल वापस भेज दिया है. ऐसी खबर मिल रही है. अभी तो मैं अहमदाबाद में ट्रेनिंग में हूं. ट्रेनिंग के बाद इस मुद्दे पर सरकार में मंथन होगा. राज्यपाल ने किन परिस्थितियों में प्रस्ताव वापस किया इसकी जानकारी लेंगे. क्यों वापस हुआ, प्रस्ताव में क्या कोई खामी थी या कोई और कारण है. इस पर आपस में बैठ कर विचार किया जायेगा. इन सब संवेदनशील मुद्दों पर सरकार सामूहिक रूप से निर्णय लेती है. मेरी अपनी कोई राय अभी नहीं है. जब राय देने की बारी आयेगी, तो सरकार को बंद कमरे में देंगे. इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.
बिल में आपत्तियों का निराकरण कर फिर से भेजा जायेगा : चंद्रवंशी
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के प्रस्ताव को राज्यपाल ने वापस कर दिया है. यह उन्हें समाचार पत्रों से मालूम चला है. अभी वे अहमदाबाद में ट्रेनिंग पर हैं. मंत्री ने फोन पर कहा कि राज्यपाल सर्वोपरी होते हैं. यदि उन्होंने कुछ आपत्ति की है, तो इसका निराकरण किया जायेगा. उन्होंने प्रस्ताव वापस नहीं किया है, बल्कि संशोधन के लिए कहा है. जो भी सुधार की जरूरत है, वह विधानसभा के पटल पर रखा जायेगा. वहां से फिर राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. मंत्री ने कहा कि वह कोई सरकार से अलग थोड़े ही हैं. मुख्यमंत्री और सदन का जो निर्णय होगा वह उनके साथ होंगे.

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