उनके साथ रांची की मेयर आशा लकड़ा व धनबाद के मेयर शेखर अग्रवाल भी थे. मंत्री श्री सिंह ने कहा कि दोनों मेयर के साथ सोमवार को वह मुख्यमंत्री से मिले और बताया कि किस प्रकार टैक्स वसूली में जनता के साथ धांधली हो रही है. मनमाने तरीके से टैक्स वसूले जा रहे हैं. यहां तक कि निगम द्वारा वसूले गये टैक्स में भी कमीशन दिया जा रहा है. रांची में 16 प्रतिशत, तो धनबाद में 12 प्रतिशत कमीशन निजी एजेंसी को दिये जा रहे हैं. अन्य निकायों में 15 प्रतिशत कमीशन दिये जा रहे हैं. रांची में ही कुल टैक्स की वसूली 43 करोड़ रुपये की हुई है. इसमें 6.88 करोड़ रुपये केवल कमीशन के रूप में ही निजी एजेंसी को दे दिये गये. मंत्री ने कहा कि जनता से लिये गये टैक्स की बड़ी राशि निजी एजेंसियों के खाते में जा रही थी. इसको लेकर जनता की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. धनबाद के मेयर शेखर अग्रवाल ने उनसे लिखित रूप से शिकायत की थी. निजी एजेंसी के लोग जनता के साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे थे.
कोयलांचन क्षेत्र के यूएलबी के लिए रितिका को व संताल परगना के लिए फ्री पब्लिकेशन को काम दिया गया था.इन एजेंसियों को टैक्स वसूली पर 15 प्रतिशत कमीशन दिया जाना है. इनका चयन 10 वर्षों के लिए किया गया था. कंपनी के अधिकारियों ने कहा : निजी एजेंसियों के कंसल्टेंट दीपांकर कुमार का कहना है कि रांची व धनबाद में तीन साल का टर्म पूरा हो रहा था, पर बाकी यूएलबी में तो अभी काम ही शुरू हुआ था. एजेंसियों ने सभी यूएलबी के डाटा का डिजिटाइजेशन किया था. इस कारण टैक्स भी बढ़ा. इस पर कंपनियां करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी हैं. ढाई हजार से अधिक लोग विभिन्न यूएलबी में काम कर रहे हैं. सारे लोग बेरोजगार हो जायेंगे.