रांची: कोल इंडिया में 19 से 21 जून तक प्रस्तावित हड़ताल को लेकर कोयला मजदूरों का कन्वेंशन शनिवार को सीएमपीडीआइ के कम्युनिटी हॉल में हुआ. इसमें सीटू, एटक, इंटक, बीएमएस, एचएमएस व एक्टू के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. यूनियन सीएमपीएफ के इपीएफ में विलय सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर हैं. कन्वेंशन में सभी एक सुर से हड़ताल को सफल बनाने का निर्णय लिया.
एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने कहा कि जो मजदूर पत्थर तोड़ सकता है, वह 56 इंच का सीना भी छेद सकता है. केंद्र की वर्तमान सरकार ने पहले कोल इंडिया को कंगाल कर दिया है. हम तो कोल इंडिया से वेतन मांगने गये, उन्होंने पेंशन बंद करने की बात कह दी.
…तो अनिश्चितकालीन हड़ताल : भारतीय मजदूर संघ के डॉ बीके राय ने कहा कि मजदूर संगठनों ने एक माह पहले हड़ताल का नोटिस दिया था. अब तक सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है. हम समस्या का समाधान चाहते हैं. सरकार ने तीन दिनों के हड़ताल के बाद समस्या का समाधान नहीं दिया, तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.
चिंता नहीं, चिंतन की जरूरत : एचएमएस के राजेश कुमार सिंह ने कहा कि कोयला कामगारों का भविष्य अंधेरे की ओर है. अभी कोयला कामगारों को चिंता नहीं, चिंतन करने की जरूरत है. कोल इंडिया का 65 हजार करोड़ रुपया सरकार ने ले लिया है. अब मात्र आठ हजार करोड़ बचा है. सरकार बुढ़ापे का सहारा छिनने में लगी है. सीटू नेता जेबीसीसीआइ सदस्य डीडी रामानंदन ने कहा कि सरकार सीएमपीएफ के इपीएफ में विलय के सवाल पर चुप है.
अधिकारी बोलने की स्थिति में नहीं हैं. एटक नेता लखन लाल महतो ने कहा कि कोयला मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा पर हमला हो रहा है. पहले सरकार धक्का देने पर रुकती थी. यह सरकार धक्का खाने के बाद और तेज भाग रही है. इसकी गति को लगाम लगाने के लिए मजदूरों को सड़क पर उतरना होगा. इस मौके पर रघुनंदन राघवन, एके झा, आरसी सिंह, शुभेंदू सेन, हरिशंकर सिंह, बीके राय, रोशन लाल चौधरी, पीके दत्ता, ललन सिंह, एसक्यू जम, अशोक यादव ने भी विचार रखा. धन्यवाद ज्ञापन गिरजाशंकर पांडेय ने किया.
आंदोलन सरकार देख कर नहीं करते
इंटक के राजेंद्र सिंह ने कहा कि हम सरकार देख कर आंदोलन नहीं करते हैं. कोल इंडिया में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में भी आंदोलन हुआ है. इस बार एकजुटता सरकार को झुकने पर मजबूर कर देगी.