भूमिपूजन के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री महतो ने कहा कि हमारी स्वाभिमान और पहचान की लड़ाई जारी रहेगी. भगवान बिरसा मुंडा की यह प्रतिमा झारखंड का दर्शन बन कर भारत के मानचित्र में होगी. भारत में यह सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. आजसू सुप्रीमो ने स्टैच्यू ऑफ उलगुलान के लिए जमीन दान करने वाले रामदुर्लभ सिंह मुंडा के परिवार का आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि बिरसा के विचार से ही हम समृद्ध झारखंड बनायेंगे.
स्टैच्यू ऑफ उलगुलान के माध्यम से बिरसा के बलिदान को सदा जीवित रखा जा सकेगा. मौके पर डॉ देवशरण भगत, संजय बसु मल्लिक, पद्मश्री मुकुंद नायक, डॉ मुकुंद चन्द्र मेहता, प्रो विनय भगत, डॉ बीके चांद, बिरसा के वंशज सुखराम मुंडा, गया मुंडा के वंशज परपोता सीताराम मुंडा, एतवा मुंडा, बुधू भगत के वंशज रामधनी भगत, भूमिदाता रामदुर्लभ मुंडा, जिप सदस्य रमनी बाला, जिप अध्यक्ष सुकरा मुंडा, उपाध्यक्ष पार्वती देवी, वायलट कच्छप, नंदू पटेल, अनिल टाइगर, सुनील सिंह, जयपाल सिंह, जिप सदस्य बालकृष्ण सिंह मुंडा सहित अन्य मौजूद थे.