हाल बरका सयाल का
उरीमारी : सीसीएल बरका-सयाल क्षेत्र ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान कोयला उत्पादन में बीते वर्ष की तुलना में 11 प्रतिशत की वृद्धि की है. प्रक्षेत्र ने 29.20 लाख टन कोयला का उत्पादन किया. बीते वर्ष प्रक्षेत्र ने 26.30 लाख टन कोयला उत्पादन किया था. प्रक्षेत्र को 28.90 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला था. ओबीआर 88.76 लाख क्यूबिक मीटर किया गया. डिस्पैच 24 लाख टन किया. नये वित्तीय वर्ष के लिए प्रक्षेत्र को 36.50 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है.
टीम वर्क से मिली सफलता : जीएम
महाप्रबंधक प्रकाश चंदा ने कहा कि टीम वर्क के तहत काम करने से विपरीत परिस्थितियों के बावजूद यह सफलता मिली है. न्यू बिरसा परियोजना में आउटसोर्सिंग कंपनी के बीच में ही काम छोड़ देने के कारण उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करना थोड़ा कठिन था. कामगारों व अधिकारियों की कुशल टीम ने लक्ष्य प्राप्ति में पूरा सहयोग किया. श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों समेत विस्थापित ग्रामीणों का भी सहयोग प्रबंधन को मिला है. प्रक्षेत्र इस बार वेलफेयर के तहत अपने श्रमिकों के क्वार्टर का कायाकल्प के तहत रिपेयरिंग करा रहा है. महाप्रबंधक ने कहा कि उरीमारी-सयाल-भुरकुंडा जर्जर सड़क का निर्माण कार्य का जिम्मा राज्य सरकार ने ले लिया है. उम्मीद है कि नये वित्तीय वर्ष में सड़क निर्माण शुरू हो जायेगा.
उरीमारी का सर्वाधिक योगदान
उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति में उरीमारी परियोजना ने 12.09 लाख, बिरसा परियोजना ने 6.22 लाख, भुरकुंडा ने 1.51 लाख, बलकुदरा ने 5.16 लाख, न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग ने 1.90 लाख, भुरकुंडा, सयाल, उरीमारी, सौंदा डी यूजी ने 2.37 लाख टन कोयला उत्पादन किया.
नये वर्ष का टारगेट
नये वित्तीय वर्ष में भुरकुंडा, बलकुदरा को 7.70 लाख, उरीमारी को 10 लाख, बिरसा प्रोजेक्ट को छह लाख, न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग को 10 लाख, भुरकुंडा यूजी को 1.25 लाख, सौंदा डी को 30 हजार, सयाल को 65 हजार, उरीमारी यूजी को 60 हजार टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है.