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कई खट्टी-मीठी यादों को छोड़ कर बीतनेवाला है वर्ष 2016

यह साल सड़क दुर्घटनाओं से भरा रहा, 14 लोगों की गयी जान रमेश बेदिया हत्याकांड का नहीं हुआ खुलासा लापता मो एतेहशाम को भी पुलिस नहीं खोज पायी गिद्दी (हजारीबाग) : खट्टी-मीठी यादों को छोड़ कर 2016 अब बीतने वाला है. यह साल सड़क दुर्घटनाओं से भरा रहा. कई सड़क दुर्घटनाओं में 14 से अधिक […]

यह साल सड़क दुर्घटनाओं से भरा रहा, 14 लोगों की गयी जान

रमेश बेदिया हत्याकांड का नहीं हुआ खुलासा

लापता मो एतेहशाम को भी पुलिस नहीं खोज पायी

गिद्दी (हजारीबाग) : खट्टी-मीठी यादों को छोड़ कर 2016 अब बीतने वाला है. यह साल सड़क दुर्घटनाओं से भरा रहा. कई सड़क दुर्घटनाओं में 14 से अधिक लोगों की मौत हो गयी. गिद्दी क्षेत्र के पड़रिया के रमेश बेदिया की हत्या तीन माह पहले हुई, लेकिन अभी तक इसका खुलासा पुलिस नहीं कर पायी है.

महीनों से लापता डोकाबेड़ा के मो एहतेशाम को भी पुलिस नहीं खोज पायी. उनके परिजनों ने हत्या की आशंका जतायी है. गिद्दी शमशानघाट काली मंदिर व शिव मंदिर में तोड़-फोड़ व आगजनी की घटना घटी थी. पुलिस ने इसका उदभेदन करने में सफलता हासिल की. डाड़ी के रैयतों व मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर विभिन्न राजनीतिक व ट्रेड यूनियन के बैनर तले कोलियरी का उत्पादन कार्य कई बार ठप कराया. डाड़ी को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. कई अन्य उल्लेखनीय घटनाओं के कारण यह वर्ष लोगों को हमेशा याद रहेगा. वैसे इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में आत्महत्या की घटना बेहद कम घटी. जनवरी माह की शुरुआत चुंबा उच्चरिंगा पुल के नजदीक सड़क दुर्घटना से हुई. इसमें दो लोग घायल हुए थे. मार्च महीने में सड़क दुर्घटना में हेसालौंग कुम्हारबांध के कुलदीप टोप्पो की मौत हो गयी थी.

गिद्दी में रैक के चपेट में आने से गिद्दी बस्ती के रमेश मुंडा की मौत हो गयी थी. झारखंड विद्युत बोर्ड सबस्टेशन गिद्दी में अज्ञात अपराधियों ने धावा बोल कर लाखों रुपये के समान लूट लिए थे. बुमरी के सीसीएलकर्मी सुरेश बेदिया की मौत छत से गिरने से हो गयी थी. रैलीगढ़ा दो तल्ला के विक्रम पांडेय उर्फ गांधी का शव मरनगढ़ा नदी से बरामद किया गया था. मई महीने में वज्रपात से बड़काचुंबा की महिला यशोदा देवी की मौत हो गयी थी. जून माह में निजी सुरक्षाकर्मी चंद्रशेखर सिंह की मौत सड़क दुर्घटना में हो गयी थी.

जुलाई माह में बसरिया गांव के पास बड़कागांव के सनोज मुर्मू, सतकड़िया पुल के नजदीक हजारीबाग के अजीत कुमार व बुंडू गांव के नजदीक सड़क दुर्घटना में सिरका कहुआबेड़ा के रोहन प्रजापति की मौत हो गयी थी. अगस्त माह में हेसालौंग गांव में डोभा में डूबने से एक विवाहित महिला शांति देवी की मौत हो गयी थी. कुरकुट्टा गांव के पच्चू बेदिया की मौत डेंगू से हो गयी थी. सितंबर माह में रैलीगढ़ा दो तल्ला के शंकर मुंडा की मौत मरनगढ़ा नदी के तेजधार में बहने से हो गयी थी. पड़ारूनाला सिरका के पास सड़क दुर्घटना में चार लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गये थे.

नवंबर महीने में गिद्दी सी ट्रेकर स्टैंड के नजदीक एक सड़क दुर्घटना में रजरप्पा क्षेत्र के नवीन कुमार महतो की मौत हो गयी थी. कुरकुट्टा गांव के बंद पड़ी खदान से एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया गया था. दिसंबर माह में साधुमोड़ के नजदीक सड़क दुर्घटना में गिद्दी निवासी अजय पासवान की मौत हो गयी थी. मथुरा प्रसाद के निष्कासन के बाद मासस में अंदरूनी कलह तेज रही. राजनीतिक दलों ने जनता के कई समस्याओं को लेकर प्रखंड मुख्यालय में आंदोलन किया. इस वर्ष ऐसा कोई भी आंदोलन नहीं रहा, जिसे याद किया जा सकता है.

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