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ग्रामीणों ने बांध तोड़ा, रेलवे ने फिर बनाया

गोदावरी की धारा से खिलवाड़. नदी की धारा रुकने से निचले इलाके में बढ़ा जल संकट उरीमारी/पतरातू : उरीमारी के पास दामोदर नदी की धारा को रेलवे द्वारा बांध बना कर रोक दिये जाने के कई दिनों बाद शुक्रवार को सयाल व उरीमारी कोयलांचल क्षेत्र के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने सुबह लगभग साढ़े नौ बजे […]

गोदावरी की धारा से खिलवाड़. नदी की धारा रुकने से निचले इलाके में बढ़ा जल संकट
उरीमारी/पतरातू : उरीमारी के पास दामोदर नदी की धारा को रेलवे द्वारा बांध बना कर रोक दिये जाने के कई दिनों बाद शुक्रवार को सयाल व उरीमारी कोयलांचल क्षेत्र के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने सुबह लगभग साढ़े नौ बजे बांध को तोड़ कर नदी की धारा को मुक्त करा दिया.
रेलवे ने बोरे में बालू भर कर उससे बांध बनाया था. बांध बनाने के कारण दामोदर के निचले इलाके उरीमारी, सयाल, पोड़ा, दत्तो, गिद्दी इलाके में दामोदर का पानी अाना बंद हो गया था. इसका सीधा असर इन इलाकों के जन-जीवन व पेयजल आपूर्ति पर पड़ रहा था. पानी का बहाव बंद होने से कुएं व चापानल के जल स्तर पर भी असर पड़ रहा था. बांध तोड़े जाने के लगभग दो घंटे के भीतर ही रेलवे हरकत में आया. आइडब्ल्यू विभाग ने आरपीएफ पुलिस की मौजूदगी में पुन: बांध को बना दिया. दोबारा बांध बना देने के कारण नदी में पानी का बहाव फिर बंद हो गया है. जिस वक्त बांध को तोड़ा गया, नीचले इलाके में पानी की धार पहुंचने लगी. इस दौरान आसपास के मवेशी पानी पीने नदी में उतर आये थे.
अब कोर्ट का खटखटायेंगे दरवाजा : प्रमुख
बड़कागांव की प्रमुख राजमुनी देवी ने कहा कि दामोदर पर सबका बराबर का अधिकार है. उरीमारी समेत क्षेत्र के आदिवासी, ग्रामीणों व कोयला मजदूरों को भी पानी चाहिए. हम रेलवे कर्मचारियों को पानी देने का विरोध नहीं कर रहे हैं.
लेकिन हम सब को भी पानी मिलते रहना चाहिए. कहा कि पूरे मामले को मुख्यमंत्री के पास रखा जायेगा. जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. इधर, विस्थापित समिति के सचिव गहन टुडू ने कहा कि दामोदर को हाइजैक नहीं होने देंगे. दामोदर सदियों से इस क्षेत्र के पनपने में मददगार रही है.
पानी रोका जाना अपराध है. सयाल उत्तरी मुखिया सत्येंद्र यादव ने कहा कि सयाल क्षेत्र के लोगों को भी पानी चाहिए. नदी पर आदमी व मवेशी सभी निर्भर हैं. उरीमारी के पंसस कानू मांझी ने कहा कि रेलवे को दूरदर्शिता का परिचय देना चाहिए. पानी सबके लिए जरूरी है. गरसुल्ला के पंसस कार्तिक उरांव, सयाल केके पंसस प्रेमचंद यादव, सयाल केके मुखिया रीता कुमारी, सयाल पंसस वसीम रजा ने रेलवे के कदम की निंदा की है.
रेलवे और सीसीएल आमने-सामने
रेलवे के आइडब्ल्यू विनय कुमार ने बताया कि दामोदर नदी स्थित उनके वाटर हाउस से संतोष चौधरी व पिंटू सोनी ने सुबह 10 बजे सूचना दी कि बांध तोड़ दिया गया है. इसके बाद इंजीनियर सीबी सेनगुप्ता, आरपीएफ सब इंस्पेक्टर एसपी सिंह व सशस्त्र बल को लेकर मौके पर पहुंचे.
पुन: बांध को तैयार किया. श्री कुमार ने बताया कि दो घंटे बांध खुले रहने के कारण कई महत्वपूर्ण जगहों पर पानी आपूर्ति नहीं हो सकी. बताया कि बांध नहीं रहेगा तो उनका यूएस पंप नहीं चलेगा. इससे स्टीम कॉलोनी, डीजल कॉलोनी, ट्रेनिंग हाउस, रनिंग रूम, रेल अस्पताल, रेलवे स्टेशन, केंद्रीय विद्यालय, डीजल शेड में जलापूर्ति ठप हो जायेगी.
आज के घटना की सूचना डीवीसी समेत संबंधित विभागों को दी जायेगी. इधर, सीसीएल प्रबंधन भी इस मामले पर गंभीर है. प्रबंधन ने कहा कि पानी के एवज में डीवीसी को नियमित भुगतान किया जाता है. नदी को बांध कर हमारा पानी बाधित करना न्यायसंगत नहीं है. धारा रोके जाने के कारण मजबूरी में हमें चोभा बना कर जलापूर्ति करनी पड़ रही है. हम भी मामले को डीवीसी के पास रखेंगे.

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