11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गुरु तेग बहादुर हिंद की चादर (गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर विशेष)

गुरु तेग बहादुर हिंद की चादर (गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर विशेष) फोटो फाइल 10आर-सरदार जगजीत सिंह सोनीसरदार जगजीत सिंह सोनीमहासचिव, रामगढ़ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटीउच्च आदर्शों एवं मूल्यों की रक्षा के लिए अपने आप को कुरबान कर देना ही शहादत है. शहीद किसी भी कौम का बहुमूल्य सरमाय होते हैं. शहीद की […]

गुरु तेग बहादुर हिंद की चादर (गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर विशेष) फोटो फाइल 10आर-सरदार जगजीत सिंह सोनीसरदार जगजीत सिंह सोनीमहासचिव, रामगढ़ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटीउच्च आदर्शों एवं मूल्यों की रक्षा के लिए अपने आप को कुरबान कर देना ही शहादत है. शहीद किसी भी कौम का बहुमूल्य सरमाय होते हैं. शहीद की जो मौत है, वो कौम की हयात है. हयात तो हयात वहां मौत भी हयात है. शहीदों के खून से मुर्दा कौमों में भी नवजीवन का संचार हो जाता है. जिस तरह खून का दौरा शरीर को जिंदा रखने में सहायक होता है, उसी तरह उच्च आदर्शों के लिए बहा खून भी कौमों को सदा जिंदा रखने में सहायक होते हैं. किसी कवि ने बड़ा सुंदर लिखा है. जहां गिरता खून शहीदों का, तसवीर बदलती कौमों की. शीष उतरे जो तलवारों से तकदीर बदलती कौमों की. कोई देगों में जो उबले जब शांति के सोमे बह पड़ते. जब चर्बी जले शहीदों की, आशा के दीये जल पड़ते. नि:संदेह श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा दी गयी शहादत धर्म के इतिहास में एक बड़ी व अद्वितीय घटना है. ऐसी महान घटना का उदाहरण पूरी मानवता व धर्म के इतिहास में मिलना कठिन है. जब किसी धर्म की आजादी व अस्तित्व पर आये संकट को रोकने के लिए किसी महान शख्सियत ने अपना बलिदान दिया हो. इस महान बलिदान की बदौलत ही उन्हें तेग बहादुर हिंद की चादर जैसे विशेषण द्वारा विभूषित किया जाता है. तत्कालीन हुकूमत द्वारा सभी धर्मों को इसलाम कबूल करने का फतवा जारी किया गया था. कश्मीर के पंडितों को हिंदुस्तान में सबसे विद्वान समझा जाता रहा है. इसलिए उन्हीं से शुरुआत हुई. अनेक बैठक कर वे सभी इस नतीजे पर पहंचे कि गुरुतेग बहादुर जो सर्वमान्य धार्मिक अगुआ हैं, उनसे हिंदू धर्म की रक्षा की फरियाद की जाये. सो पंडित कृपा राम की अगुआई में कश्मीरी पंडित गुरु तेग बहादुर जी से मिले. गुरु जी ने उनकी व्यथा ध्यान से सुनी एवं अपने पुत्र गोविंद राय (श्री गुरु गोविंद सिंह उम्र नौ वर्ष) से पूछा हमें क्या करना चाहिए? बालक गोविंद राय ने उत्तर में कहा पिताजी धर्म की रक्षा के लिए आज किसी महान आत्मा के बलिदान की जरूरत है और आज पूरे भारत में आपसे महान आत्मा कौन हो सकती है? गुरु तेग बहादुर जी यह उत्तर सुन कर बड़े प्रसन्न हुए और पंडितों से कहा, जाकर दिल्ली की हुकूमत से कह दिया जाये कि अगर गुरु तेग बहादुर इसलाम कबूल कर लें, तो वे सभी इसलाम के झंडे तले आने को तैयार हैं. उनकी गिरफ्तारी का हुक्म हो गया, परंतु उन्होंने एक इतिहास यह भी रचा कि वे मकतूल होकर भी खुद कातिल के दरबार में हाजिर हुए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें