भुरकुंडा : कोयला ट्रांसपोर्टिग में चलने वाले कोयला लदे डंपर लोगों के लिए परेशानी खड़ा कर रहे हैं. डंपर अपनी तय क्षमता से कहीं अधिक कोयला लाद कर भीड़–भाड़ वाले मार्गो से गुजरते हैं. इससे कोयले का टुकड़ा सड़क पर गिरता है. लोग चोटिल होने से बाल–बाल बचते हैं. कभी–कभार चोट भी लग जाती है.
खास कर तीखे मोड़ पर ज्यादा मात्र में कोयला नीचे गिरता है. सड़क पर गिरा हुआ कोयला आखिरकार धूल बन कर हवा में उड़ने लगता है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. नियमानुसार, डंपरों में तय क्षमता से अधिक कोयला लोड नहीं होना चाहिए. इतना ही नहीं, ट्रांसपोर्टिग के दौरान कोयले को तिरपाल से कवर करना जरूरी है, ताकि कोयला सड़क पर नहीं गिरे.
भुरकुंडा क्षेत्र में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है. ओवरलोड डंपरों को रोकने के लिए पुलिस कोई कदम नहीं उठा रही है. सीसीएल प्रबंधन भी कुछ नहीं कर रहा है. भुरकुंडा बाजार में गुरुद्धारा के समीप सीएचपी जाने वाले मोड़ पर अक्सर दुर्घटना होती रहती है. कई बार लोगों द्वारा विरोध भी किया जाता है. बावजूद ओवरलोड डंपर बेरोक टोक चल रहे हैं. ऐसा ही हाल सौंदा से गिद्दी वाशरी जाते समय रिवर साइड क्षेत्र में दिखाई देता है.
डंपरों के गुजरते समय मोटरसाइकिल सवार दुर्घटना के भय से अपनी गाड़ी रोक देते हैं. जब डंपर गुजर जाता है, तो सफर शुरू करते हैं. वैसे डंपरों की तेज गति के कारण भी दुर्घटनाएं होती रहती हैं. रिवर साइड क्षेत्र में तेज गति डंपर की चपेट में आने से अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.