चितरपुर : रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज के द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लगभग 500 से अधिक छात्र – छात्राएं परीक्षा देने से वंचित हो गये. बताया जाता है कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय द्वारा 16 मई से परीक्षा आयोजित की गयी है, लेकिन इस कॉलेज के छात्रों का एडमिट कार्ड नहीं आया. इसके कारण यहां के छात्र-छात्राएं परीक्षा नहीं दे पाये.
छात्रों ने बताया कि दो दिन पूर्व इस मामले को लेकर कॉलेज को मान्यता नहीं प्राप्त होने का नोटिस भेजा गया. इसके बाद छात्रों को इसकी जानकारी मिली. 15 मई की रात में छात्रों ने कॉलेज परिसर में हंगामा किया. छात्रों का कहना था कि जब मान्यता नहीं प्राप्त थी, तो रजिस्ट्रेशन शुल्क व फॉर्म भरने का पैसा क्यों लिया गया.
छात्रों ने बताया कि प्रतिवर्ष 76 हजार 100 रुपये कॉलेज में जमा करने पड़ते हैं. परीक्षा नहीं देने के कारण छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है. छात्रों ने प्राचार्या श्रावणी रॉय से मिल कर एडमिट कार्ड देने की मांग की. इस पर उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट में है. 16 मई को प्राचार्या के साथ कॉलेज के 10 छात्र रांची हाई कोर्ट गये. यहां छात्रों को जानकारी मिली कि इस मामले पर 12 जून को सुनवाई होगी. इसके बाद छात्र वापस आ गये. इनका कहना था कि यह मामला कॉलेज प्रबंधन का है, इससे छात्रों का क्या लेना-देना है.
समय पर मान्यता क्यों नहीं ली गयी. यहां द्वितीय वर्ष के चतुर्थ सेमेस्टर व तृतीय वर्ष के छठे सेमेस्टर के लगभग 500 से अधिक छात्र परीक्षा नहीं दे पाये. इस संदर्भ में कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ नजमुल इसलाम ने बताया कि मान्यता को लेकर उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है. न्यायालय के आदेशानुसार ही छात्रों की परीक्षा ली जायेगी. गाैरतलब हो कि इससे पूर्व भी एडमिट कार्ड नहीं आने पर छात्र परीक्षा देने से वंचित हो गये थे.