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अब गांवों का होगा विकास
कुहकुह में खुला पुलिस पिकेट, डीजीपी ने कहा नौडीहा(पलामू) : पलामू के घोर उग्रवाद प्रभावित नौडीहा के कुहकुह कला में पुलिस पिकेट खुला. मंगलवार को राज्य के डीजीपी डीके पांडेय ने इसका उदघाटन किया. नौडीहा का कुहकुह गांव माओवादियों के लिए सेफजोन माना जाता था. बिहार और झारखंड की सीमा पर बसे इस गांव में […]
कुहकुह में खुला पुलिस पिकेट, डीजीपी ने कहा
नौडीहा(पलामू) : पलामू के घोर उग्रवाद प्रभावित नौडीहा के कुहकुह कला में पुलिस पिकेट खुला. मंगलवार को राज्य के डीजीपी डीके पांडेय ने इसका उदघाटन किया. नौडीहा का कुहकुह गांव माओवादियों के लिए सेफजोन माना जाता था. बिहार और झारखंड की सीमा पर बसे इस गांव में माओवादियों के कारण इस इलाके का अपेक्षित विकास नहीं हो सका था. साथ ही सरकारी विकास योजनाओं का अपेक्षित लाभ भी लोगों को नहीं मिल पाता था.
माओवादियों के भय के कारण पुलिस को छोड़ कर सरकारी महकमे के लोग भी यदाकदा ही जाते थे.मंगलवार को पुलिस पिकेट का उदघाटन करने के बाद राज्य के डीजीपी श्री पांडेय ने कहा कि अब इस इलाके में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. पलामू के वैसे इलाके जहां माओवादियों का अधिक प्रभाव रहा है, उन इलाकों को माओवादियों के भय से मुक्त कराने के लिए पुलिस पूरी सक्रियता के साथ लगी हुई है. पहले पांकी और फिर नौडीहा इलाके में पिकेट की स्थापना की गयी है, ताकि सुरक्षा का बेहतर वातावरण तैयार हो.
इलाके के जरूरतों को ध्यान में रख कर यहां और भी पिकेट खोले जायेंगे, ताकि शांति का वातावरण तैयार हो. क्योंकि विकास की पहली शर्त शांति है. मौके पर विशेष शाखा के एडीजी अनुराग गुप्ता, एसटीएफ के आइजी एमएस भाटिया, आइजी प्रशांत सिंह, पलामू प्रक्षेत्र के डीआइजी साकेत कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल, अभियान एसपी कन्हैया सिंह, सीआरपीएफ के अजय लिंडा, एसडीपीओ संजय कुमार, छतरपुर थाना प्रभारी लव सिंह, नौडीहा थाना प्रभारी दयानंद साह सहित काफी संख्या में लोग शामिल थे.
नौडीहा से सात किमी की दूरी पर है कुहकुह
कुहकुह गांव नौडीहा से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. गांव की सीमा बिहार से छूती है. इमामगंज, गम्हरिया के अलावा चतरा का सलैया भी इस इलाके से सटा हुआ है. इसलिए इस गांव को बिहार और झारखंड में अपनी गतिविधियों को संचालित करने के लिए माओवादियों ने इसे सेफ जोन के रूप में विकसित किया था. बताया जाता है कि पुलिस के इंटर स्टेट मीटिंग में भी जब सुरक्षा पर चर्चा होती थी, तो कुहकुह में पुलिस पिकेट की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. लोगों का कहना है कि पिकेट के खुलने से आसपास के इलाके में सुरक्षा का एक बेहतर वातावरण तैयार होगा.
माह में एक बार लगे जनता दरबार
गांव में सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे, इसके लिए भी प्रयास होंगे. डीजीपी डीके पांडेय ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पलामू प्रक्षेत्र के डीआइजी साकेत कुमार सिंह और एसपी मयूर पटेल को कहा गया है कि वह प्रशासन के साथ बात कर ऐसी व्यवस्था करें, ताकि माह में एक बार इस इलाके में जनता दरबार का आयोजन हो सके. क्योंकि पिकेट की स्थापना हो जाने के बाद यहां सुरक्षा को लेकर अब कोई संकट नहीं है.
आइआरबी और जगुआर की कंपनी यहां रहेगी. आइआरबी के कंपनी कमांडर को दो लाख रुपया उपलब्ध कराया गया है, जिसे वह ग्रामीणों के बीच वितरित करेंगे. यह राशि रोजगार के लिए दी जायेगी. ग्रामीण सब्जी उत्पादन करें, मेहनत करें, इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जायेगा, साथ ही गांव में आरओ प्लांट भी लगाया जायेगा, ताकि काम करने वाले जवानों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी शुद्ध पेयजल मिल सके. डीजीपी श्री पांडेय ने बताया कि कुहकुह गांव में हेलीपेड भी बनेगा. साथ ही यहां दूर संचार व्यवस्था सुदृढ़ हो, इसके लिए एयरटेल और बीएसएनएल का टावर भी लगेगा.
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