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सचेतक सम्मेलन. विधायक फंड की राशि बढ़ाने समेत 13 प्रस्ताव पारित, सीएम ने कहा

सचेतक सम्मेलन. विधायक फंड की राशि बढ़ाने समेत 13 प्रस्ताव पारित, सीएम ने कहा हेडिंग ::::: शासन, शासक में कमियां हैं, पर स्वस्थ आलोचना होविधायिका की गरिमा-मर्यादा बनाये रखना विधायकों की जिम्मेवारीब्यूरो प्रमुख, रांची झारखंड में पहली बार हुए सचेतक सम्मेलन में 13 प्रस्ताव पारित किये गये़ सम्मेलन में विधायक फंड बढ़ाये जाने का प्रस्ताव […]

सचेतक सम्मेलन. विधायक फंड की राशि बढ़ाने समेत 13 प्रस्ताव पारित, सीएम ने कहा हेडिंग ::::: शासन, शासक में कमियां हैं, पर स्वस्थ आलोचना होविधायिका की गरिमा-मर्यादा बनाये रखना विधायकों की जिम्मेवारीब्यूरो प्रमुख, रांची झारखंड में पहली बार हुए सचेतक सम्मेलन में 13 प्रस्ताव पारित किये गये़ सम्मेलन में विधायक फंड बढ़ाये जाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ़ विधायकों को वर्तमान में 3 करोड़ की राशि विधायक निधि के तहत मिलती है़ सचेतक सम्मेलन में विधानसभा का सत्र वर्ष भर में 45-50 दिन करने, पक्ष-विपक्ष के सचेतकों की कमेटी बनाये जाने, लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा में भी स्थायी समिति गठित करने के प्रस्ताव पर सम्मेलन में मुहर लगी. उधर सचिवालय सभागार में आयोजित सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि बेहतर विधायिका की पहचान से झारखंड की पहचान कायम होगी़ विधायक सवा तीन करोड़ जनता के प्रतिनिधि है़ं संसदीय प्रणाली की संरचना मजबूत और जनता का विश्वास कायम रहे, इसके लिए विधायकों को काम करना होगा़ शासन, शासक में कमियां है़ं संसदीय व्यवस्था में आलोचना का अहम स्थान है़ विरोध सुधार के लिए होना चाहिए़ स्वस्थ आलोचना होनी चाहिए़ तात्कालीक लाभ या मीडिया में लोकप्रियता के लिए विरोध नहीं होना चाहिए़ जनप्रतिनिधियों को दूरगामी परिणाम देखने की जरूरत है़ लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए़ उन्होंने कहा कि राजनीति मूल्यों के लिए होनी चाहिए़ राजनीति सत्ता का खेल ना बने़ आज सत्ता हमारे पास है, कल किसी और के पास होगी़ लोकतंत्र का वास्तविक मालिक जनता है़ हम जनता के सेवक है़ं सचेतक सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में स्पीकर दिनेश उरांव, प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन, सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर, अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय ने अपने विचार रखे़ सम्मेलन में मुख्य सचिव राजीव गौबा, डीजीपी डीके पांडेय और विधानसभा के प्रभारी सचिव विनय सिंह विशेष रूप में आमंत्रित थे़ संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय बीमार होने की वजह से सम्मेलन में नहीं पहुंच पाये़ सम्मेलन में मंत्री सीपी सिंह और राज पलिवार सहित 32 विधायक पहुंचे थे़ सम्मेलन दो अलग-अलग सत्राें में संपन्न हुआ़ क्या-क्या प्रस्ताव पारित हुआ -17 वां अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन, विशाखापत्तनम की अनुशंसा को शीघ्र क्रियान्वित की जाये़- विधानसभा का वर्ष में कम से कम 45-50 दिनों का सत्र हो़ वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाये़ – विधानसभा के पक्ष-विपक्ष के सचेतकों की एक समिति बनायी जाये़ यह कमेटी सदन की कार्यवाही, सरकार के क्रियाकलाप पर विचार कर अपने सुझाव दे़ – लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर विधानसभा में कम से कम पांच-सात स्थायी कमेटी बनायी जाये़ परामर्शदात्री समिति का भी गठन हो़- विधायकों के आदर्श आचार संहिता बनाने के लिए विभिन्न दलों के सचेतकों की एक कमेटी बनायी जाये़ – कार्य मंत्रणा समिति की बैठकों में सभी दलों के सचेतकों को भी सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाये़- कार्यपालिका और विधायिका में समन्वय बनाने के लिए मुख्यमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री और विभिन्न दलों के सचेतकों की नियमित बैठक बुलायी जाये़- सरकार सदन के अंदर दिये गये आश्वासनों पर समय सीमा के अंदर अनुपालन सुनिश्चित करे़- सरकार द्वारा विधानसभा सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को भी भेजा जाये, जिससे वह अपना सुझाव दे सके़ं- भारत सरकार के संसदीय कार्य विभाग की गतिविधियों-उपलब्धियों को विधानसभा के माध्यम से सचेतकों को भेज जाये़- सत्र प्रारंभ होने से पहले सदन में आने वाले विषयों को लेकर सरकार जानकारी दे़- विधायक मद की राशि मेें बढ़ोतरी की जाये़

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