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झारखंड से संबंध स्थापित करना चाहता है चीन

झारखंड से संबंध स्थापित करना चाहता है चीन चाइनिज कांसुलेट जेनरल इन कोलकाता माझांउवा रांची में, कहा माझांउवा ने कहा – झारखंड में अपार संभावनाएं – इज अॉफ डूइंग बिजनेस ने दुनिया को झारखंड की ओर आकर्षित किया है- झारखंड के साथ सहयोगी बन कर काम करना चाहता है चीन – मेक इन इंडिया और […]

झारखंड से संबंध स्थापित करना चाहता है चीन चाइनिज कांसुलेट जेनरल इन कोलकाता माझांउवा रांची में, कहा माझांउवा ने कहा – झारखंड में अपार संभावनाएं – इज अॉफ डूइंग बिजनेस ने दुनिया को झारखंड की ओर आकर्षित किया है- झारखंड के साथ सहयोगी बन कर काम करना चाहता है चीन – मेक इन इंडिया और मेड इन चाइना में तालमेल हो सकता है वरीय संवाददातारांची : चाइनिज कांसुलेट जेनरल इन कोलकाता माझांउवा ने कहा है कि झारखंड में अपार संभावनाएं हैं. यहां खनिज, जंगल और धनी संस्कृति है. यहां के लोग काफी मेहनती हैं. हाल के दिनों में इज अॉफ डूइंग बिजनेस में झारखंड ने देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. इससे दुनिया के लोग झारखंड की ओर आकर्षित हो रहे हैं. चीन भी इसी कड़ी में यहां आया है. माझांउवा सोमवार को होटल रेडिसन ब्लू में झारखंड के उद्यमियों, एनजीओ आदि को भारत-चीन व्यापार की संभावनाओं पर संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन फेडरेशन अॉफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन(फियो) ने किया था. उन्होंने कहा : चीन, झारखंड से वाणिज्यिक संबंध स्थापित करना चाहता है, ताकी दोनों की वित्तीय जरूरत पूरी हो सके. चीन के लोगों को भी पैसे बनाने दें और आप भी चीन के साथ संबंध बना कर पैसा बनायें. दोनों मिल कर कमाएं, तभी एक-एक नागरिक समृद्ध बनेगा. झारखंड की सरकार अच्छीचाइनिज कांसुलेट जेनरल इन कोलकाता माझांउवा ने कहा : झारखंड की सरकार अच्छी है़ मुख्य सचिव से मेरी बात हुई थी़ रविवार होने के बावजूद उन्होंने बात की. पूरी जानकारी दी. चीन, झारखंड के साथ सहयोगी बन कर काम करना चाहता है. झारखंड और चीन के युवा आना-जाना करेंगे, तो संबंध बेहतर बनेगा और सीखने का भी मौका मिलेगा. भारत का दोस्त बनना चाहता है चीन माझांउवा ने कहा : मेक इन इंडिया और मेड इन चाइना में तालमेल हो सकता है. इसमें कहीं कोई परेशानी नहीं है. जो उत्पाद भारत में सस्ता पड़ता है, वह चीन में बिकेगा और जो उत्पाद चीन में सस्ता पड़ता है वह भारत में बिकेगा. इससे दोनों देशों के नागरिकों को लाभ होगा. भारत के लोग भी पैसा कमाएं और चीन के लोग भी पैसा कमाएं. उन्होंने कहा : चीन, भारत का दोस्त और विकास में साझेदार बनना चाहता है. भारत और चीन की मित्रता चरम परमाझांउवा ने कहा : इस समय भारत और चीन की मित्रता चरम पर है. दोनों देश के राष्ट्राध्यक्ष एक-दूसरे से मिल रहे हैं. दोनों देश की तरक्की की बातें हो रही हैं. भारत और चीन कुछ सालों के अंतराल में आजाद हुए हैं. चीन की आबादी भारत से कुछ ज्यादा है. पर 1978 के बाद से चीन में परिवर्तन का दौर शुरू हुआ. 1992 से दुनिया के लिए चीन का बाजार खोल दिया गया. चीन के बड़े शहरों में दुनिया के जितने भी बड़े ब्रांड हैं, सबके शोरूम हैं. चीन के लोग भी विदेशी वस्त्र पहनते हैं. चीन का वस्त्र भी विदेशों में जाता है. चीन में प्रतिबद्धता की वजह से उत्पादों की भरमार हो गयी. हाल के दिनों में आये मंदी पर उन्होंने कहा : स्टील उत्पादन में मांग की तुलना में चीन सात गुना अधिक उत्पादन कर रहा है. यह भी मंदी की एक वजह है. पर चीन इससे उबर रहा है. इसके पूर्व झारक्राफ्ट के एमडी एटी मिश्रा ने माझांउवा का स्वागत किया. उन्होंने झारखंड के बाबत भी जानकारी दी. कार्यक्रम में फियो के अवनीश कुमार, जेसिया व चेंबर के पदाधिकारी भी उपस्थित थे.

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