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अस्पतालों में नहीं थे डॉक्टर, बुढ़मू में मरीज की मौत

अस्पतालों में नहीं थे डॉक्टर, बुढ़मू में मरीज की मौतझारखंड स्टेट हेल्थ आर्गनाइजेशन (झासा) के बैनर तले राज्य के अस्पतालों में बंद रही ओपीडी – इलाज के लिए भटकते रहे मरीज, निजी अस्पतालों का लिया सहारा- जिला मुख्यालय में सामूहिक इस्तीफा की तैयारी, कई चिकित्सकों ने किया हस्ताक्षर संवाददाता, रांचीझारखंड स्टेट हेल्थ आर्गनाइजेशन (झासा) के […]

अस्पतालों में नहीं थे डॉक्टर, बुढ़मू में मरीज की मौतझारखंड स्टेट हेल्थ आर्गनाइजेशन (झासा) के बैनर तले राज्य के अस्पतालों में बंद रही ओपीडी – इलाज के लिए भटकते रहे मरीज, निजी अस्पतालों का लिया सहारा- जिला मुख्यालय में सामूहिक इस्तीफा की तैयारी, कई चिकित्सकों ने किया हस्ताक्षर संवाददाता, रांचीझारखंड स्टेट हेल्थ आर्गनाइजेशन (झासा) के बैनर तले शनिवार को राज्य के 1880 चिकित्सकों ने ओपीडी में अपनी सेवाएं नहीं दी. चिकित्सकों ने सदर अस्पताल, सीएचसी एवं पीएचसी में मरीजों का इलाज नहीं किया. ओपीडी खुला, चिकित्सक अस्पताल भी आये, लेकिन मरीजों को परामर्श नहीं दिया. जानकारी के अनुसार बुढ़मू के चकमे टोंगरीटोला की रहनेवाली बहुरन देवी (62वर्ष) ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. इधर, सीएचसी बुढ़मू में मौजूद डॉ माधुरी बाड़ा ने बताया कि महिला टीबी की मरीज थी. अस्पताल लाने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी. चिकित्सक उसका इलाज करने गये, तो उसे मृत पाया गया. इधर, जिला मुख्यालय में चिकित्सक सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं. कई चिकित्सकों ने हस्ताक्षर भी कर दिया है. बेटा इलाज के लिए लगाता रहा गुहार, पर नहीं आये चिकित्सकबेटा सुलेंद्र मुंडा ने बताया कि उसकी मां की तीन दिन से तबीयत खराब थी. शनिवार को उन्हें इलाज के लिए बुढ़मू सीएचसी लाया गया था. वहां पता चला कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं. वहां मौजूद लोगों ने किसी दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए ले जाने को कहा. इससे पहले परिजन इलाज के लिए आधा घंटा तक गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई चिकित्सक नहीं आया. अंत में एक महिला चिकित्सक आयी और कहा कि मरीज की मौत हो गयी है. चिकित्सक अस्पताल के बाहर बैठे, काला बिल्ला लगायाराज्य के सदर अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी के बाहर चिकित्सक काला बिल्ला लगा कर विरोध-प्रदर्शन करते रहे. अस्पतालों के ओपीडी में चिकित्सकों की कुरसी खाली थी. जिन मरीजों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी वह अस्पताल आये, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी. अस्पताल के इमरजेंसी में चिकित्सकों ने परामर्श दिये, लेकिन अधिकतर मरीजों को मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया. इधर, राजधानी रांची के सदर अस्पताल के ओपीडी का गेट सुबह से ही बंद रहा. काफी देर के बाद गेट खुला, चिकित्सक आये, लेकिन वे ओपीडी में नहीं बैठे़ चिकित्सकों की मांग- मुखिया, प्रखंड प्रमुख एवं जिला परिषद से छुट्टी लेना स्वीकार्य नहीं है. – झारखंड सेवा अधिनियम का पालन किया जाये.सात दिन तक काला बिल्ला लगा कर विरोधचिकित्सक रविवार को सात दिन तक काला बिल्ला लगा कर सेवा देंगे. इसके बाद भी चिकित्सकों की मांगें नहीं मानी जाती है, तो वह सामूहिक इस्तीफा देंगे.कोट:::हड़ताल सफल रहा. चिकित्सकों ने एकजुटता दिखायी. जिला मुख्यालय से चिकित्सकों का इस्तीफा मंगाया जा रहा है. सभी चिकित्सकों का इस्तीफा आने पर एक साथ मुख्यमंत्री को सौंप देंगे. इस दौरान सात दिन तक काला बिल्ला लगा कर काम करेंगे.डॉ बिमलेश सिंह, सचिव, झासा

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